eSIM Fraud: हर दिन साइबर फ्रॉड नए नए हथकंडों का सहारा ले रहे हैं, जिससे देशभर में लोग अपने मेहनत की कमाई से हाथ धो रहे हैं. डिजिटल पेमेंट से लेकर डेबिट-क्रेडिट कार्ड लेनदेन तक, कोई भी प्लेटफ़ॉर्म अब पूरी तरह सुरक्षित नहीं रह गया है. ऐसे में अब एक और नया eSIM फ्रॉड तेजी से सामने आ रहा है. आपने eSIM के बारे में सुना होगा. लेकिन इससे छिपे साइबर फ्रॉड कैसे होता है? बहुत कम लोग ही समझ पाते हैं. यह तकनीक जितनी अडवांस और सुविधाजनक लगती है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है अगर सावधानी न बरती जाए तो. भारत में प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां अब eSIM की सुविधा दे रही हैं, लेकिन यही सुविधा अब स्कैमर्स के लिए स्कैम के नए दरवाज़े खोल रही है. अगर यूज़र ने जरूरी सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए, तो साइबर अपराधी इसका फायदा उठाकर उनके बैंक खातों तक पहुंच बना सकते हैं. यह भी पढ़ें: Gmail इस्तेमाल करने वाले 2.5 अरब यूजर्स सावधान! आपका डेटा खतरे में, गूगल ने जारी की चेतावनी
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने हाल ही में इस मामले पर चेतावनी जारी की है. I4C के अनुसार, “एक नया eSIM स्कैम सामने आया है, जिसमें धोखेबाज़ आपके मोबाइल नंबर को हैक कर लेते हैं और OTP चुराकर आपके बैंक अकाउंट को खाली कर देते हैं.” कई मोबाइल यूजर्स को इस बात का अंदाज़ा तक नहीं होता कि उनका फ़ोन नंबर बिना किसी पूर्व सूचना के कितनी आसानी से हैकर्स के हाथ लग सकता है. अगर समय रहते लोगों के बीच इस खतरे को लेकर जागरूकता नहीं फैलाई गई, तो ऐसे स्कैम्स के ज़रिए उनकी प्राइवेट जानकारी और पैसे दोनों ही जोखिम में पड़ सकते हैं.
eSIM Fraud
ATM & UPI Blocked… Yet ₹4 Lakh Vanished!
A new eSIM scam is here, fraudsters hijack your mobile number and steal OTPs to empty your bank account.
Stay Safe:
✅ Never trust unknown calls/links
✅ Always activate eSIM yourself pic.twitter.com/hK6FrJ1XIo
— CyberDost I4C (@Cyberdost) August 29, 2025
eSIM तकनीक क्या है?
eSIM, यानी एंबेडेड सिम एक ऐसी डिजिटल सिम है जो आपके स्मार्टफोन के हार्डवेयर में पहले से ही इनबिल्ट होती है. यह पारंपरिक भौतिक सिम कार्ड की ज़रूरत को खत्म कर देती है. eSIM मोबाइल नेटवर्क कॉल, मैसेज और डेटा सेवाओं के लिए से जुड़ने के लिए सामान्य सिम की तरह ही काम करती है.
इसमें कुछ अतिरिक्त फायदे हैं:
बेहतर सुरक्षा (एन्क्रिप्टेड डेटा)
खोने या टूटने का जोखिम नहीं
सिम बदलने के झंझट से छुटकारा
एंड्रॉइड यूजर्स या iOS डिवाइस में एक साधारण QR कोड स्कैन करके और कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करके eSIM को एक्टिवेट कर सकते हैं.
eSIM स्कैम कैसे होता है?
eSIM स्कैम एक साइबर धोखाधड़ी है, जिसमें स्कैमर पीड़ित से संपर्क कर खुद को मोबाइल कंपनी का प्रतिनिधि बताकर eSIM एक्टिवेशन का झांसा देते हैं. वे एक फर्जी लिंक भेजते हैं और जब यूज़र उस पर क्लिक करता है, तो उनका मौजूदा फिजिकल सिम, उनकी जानकारी के बिना, eSIM में बदल दिया जाता है.
इस प्रक्रिया के बाद
यूज़र का असली सिम काम करना बंद कर देता है
फोन नेटवर्क से कट जाता है (कोई कॉल/SMS नहीं आता)
स्कैमर के पास यूज़र के नंबर का पूरा कंट्रोल आ जाता है
अब स्कैमर को बैंक से आने वाले OTP, कॉल और मैसेज मिलते हैं. इन्हीं OTP का इस्तेमाल कर वे बैंक अकाउंट से पैसे चुरा सकते हैं या अन्य धोखाधड़ी कर सकता है.













QuickLY