World Test Championship Final: भारत की डब्लूटीसी फ़ाइनल की राह हुई मुश्किल, ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराना होगा
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्लूटीसी) चक्र में अभी 18 टेस्ट बचे हैं और पांच टीम अभी भी फ़ाइनल की दावेदार है और किसी भी टीम का शीर्ष दो स्थान पक्का नहीं है. आइए देखते हैं कि भारत को फ़ाइनल में पहुंचने के लिए क्या करना होगा.
दुबई, 5 नवंबर : विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्लूटीसी) चक्र में अभी 18 टेस्ट बचे हैं और पांच टीम अभी भी फ़ाइनल की दावेदार है और किसी भी टीम का शीर्ष दो स्थान पक्का नहीं है. आइए देखते हैं कि भारत को फ़ाइनल में पहुंचने के लिए क्या करना होगा. न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीन मैचों में मिली हार का मतलब यह है कि भारत का अगले साल जून में लॉर्ड्स में होने वाले डब्लूटीसी फ़ाइनल में स्थान ख़तरे में आ गया है. शीर्ष दो में जगह बनाने के लिए भारत को ऑस्ट्रेलिया को 4-0 से हराने की दरकार है. चार जीत और एक ड्रॉ से भारत के अंक प्रतिशत 65.79 हो जाएंगे. वहीं अगर न्यूज़ीलैंड इंग्लैंड को 3-0 से हरा देता है तो न्यूज़ीलैंड का अंक प्रतिशत 64.29 होगा.
अभी मामला यह है कि अगर दक्षिण अफ़्रीका श्रीलंका और पाकिस्तान को 2-0 से हरा देता है तो उसके पास 69.44 फीसदी अंक होंगे. वैसे भी डब्लूटीसी की अंक तालिका में दक्षिण अफ़्रीका के पास सबसे ज़्यादा अंक होंगे और दूसरे स्थान पर भारत होगा. हालांकि यह सिनारियो उस बात पर निर्भर है कि अन्य टीम कैसे अपने अंक बढ़ाती हैं. अगर ऐसा नहीं होता है तो तब भी भारत कम अंक से फ़ाइनल में पहुंच सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर आने वाली सीरीज़ के ये परिणाम रहते हैं. ऑस्ट्रेलिया से भारत 2-3 से हारे न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड के बीच सीरीज़ 1-1 पर रहे. दक्षिण अफ़्रीका घर की दोनों सीरीज़ में 1-1 से ड्रॉ करे. ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका का सीरीज़ 0-0 से ड्रॉ रहे. यह बी पढ़ें : Kensington Oval Stadium ODI Stats, WI vs ENG: वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच तीसरा वनडे, यहां जानें केंसिंग्टन ओवल स्टेडियम के आंकड़े; पिच रिपोर्ट, सबसे ज्यादा रन और विकेट लेने वाले खिलाड़ी के नाम
अगर चार सीरीज़ ऐसी जाती हैं जैसा ऊपर बताया है तो ऑस्ट्रेलिया 58.77 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर रहेगा लेकिन भारत 53.51 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर ही रहेगा, उनके पीछे दक्षिण अफ़्रीका (52.78), न्यूज़ीलैंड (52.38) और श्रीलंका (51.28) होंगे. अगर अन्य परिणाम भारत के हक़ में गए तो भारत को चार जीत की कोई ज़रूरत नहीं है. हालांकि यह अब ज़्यादा मुमकिन हो गया है कि फ़ाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें दूसरी टीमों की मदद की ज़रूरत है.