भारतीय फ़ुटबॉल के दिग्गज सुनील छेत्री ने हाल ही में पेरिस ओलिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर चिंता जताई है. उन्होंने एक पॉडकास्ट में कहा, "हमारे देश की जनसंख्या 141.72 करोड़ होने के बावजूद हम मेडल नहीं जीत पाते हैं. चीन, अमेरिका, जर्मनी, जापान, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देश ओलिंपिक में अच्छा खेल रहे हैं, वो हमसे कहीं ज़्यादा बेहतर कर रहे हैं."
छेत्री ने ये भी कहा कि भारत में टैलेंट की कमी नहीं है, लेकिन उसे सही समय पर निखारा नहीं जा रहा है. उन्होंने कहा, "5 साल का एक बच्चा जो अंडमान में फ़ुटबॉल, जैवलीन या क्रिकेट खेलता है, उसे कोई नहीं जानता. वो एक-दो बार ट्रेंडिंग में आता है और फिर खो जाता है. बाद में वो कॉल सेंटर में काम करने लगता है."
Sunil Chhetri on why India doesn't win big in Olympics: "In identifying the talent and nurturing the talent at the right time and with the right procedure, we are way behind. And I don't care if people want to kill me for this; this is the reality," pic.twitter.com/N8HHIZ25Gb
— Hari (@Harii33) August 2, 2024
सुनील ने अपनी बातों के लिए लोगों के विरोध की भी आशंका ज़ाहिर की. उन्होंने कहा, "मैं जो भी बोल रहा हूं उसके लिए मुझे लोग मार सकते हैं, लेकिन यही सच्चाई है." छेत्री की बातों ने भारतीय खेलों में मौजूद कमी को उजागर किया है. खेलों में बेहतरी के लिए निवेश और संरचना, साथ ही सही समय पर टैलेंट को निखारने की ज़रूरत है.