तारौबा: टी20 विश्व कप में गुरुवार सुबह पहले सेमीफ़ाइनल में एक और दक्षिण अफ़्रीका है जो टूर्नामेंट में केवल दूसरी टीम है जो अभी तक अजेय रही है तो दूसरी ओर अफ़ग़ानिस्तान है जिनके लिए इस टूर्नामेंट में सफ़र किसी सपने के सच होने जैसा रहा है. ग्रुप स्तर के मैच में एक बार तो अफ़ग़ानिस्तान ने दक्षिण अफ़्रीका को फंसा ही लिया था. अब देखना होगा कि अफ़ग़ानिस्तान की टीम दक्षिण अफ़्रीका के खिलाफ किस रणनीति के साथ उतरती है. SA vs AFG Head To Head Record: टी20 वर्ल्ड कप में 8 साल बाद साउथ अफ्रीका और अफगानिस्तान के बीच होगी भिड़ंत, यहां देखें हेड टू हेड रिकॉर्ड
अफ़ग़ानिस्तान के स्पिनरों को किसी तरह के परिचय की ज़रूरत नहीं है तो चलिए नवीन उल हक़ के बारे में बात करते हैं. जब मुजीब मौजूद रहते हैं तो नवीन को नई गेंद से गेंदबाज़ी करने का मौक़ा नहीं मिलता है लेकिन अफ़ग़ानिस्तान के पावरप्ले स्पिनर की गैर मौजूदगी में नवीन ने बड़े अच्छे से फ़ारूकी पर से वजन को कम किया है. ट्रेविस हेड को आउट करने वाली उनकी गेंद कमाल की थी, जो लेग स्टंप पर पिच हुई और फिर गिरकर बाहर की ओर निकली और स्टंप्स में जा लगी. यह टूर्नामेंट की बेहतरीन गेंदों में से एक थी. नवीन को धीमी गति की गेंद करने में महारत हासिल है और वेस्टइंडीज़ की पिचों पर वह डैथ ओवरों में बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं.
हेनरिक क्लासेन बनाम राशिद एंड कंपनी की जंग इस मैच का रास्ता तय करेगी. उनके बैकफ़ुट पुल और स्लॉग स्वीप किसी भी स्पिनर का रिदम ख़राब कर सकते हैं. 2023 की शुरुआत से उन्होंने टी20 क्रिकेट में स्पिनरों के ख़िलाफ़ 182.12 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. इस दौरान जिन 41 बल्लेबाज़ों ने टी10 क्रिकेट में स्पिनरों के ख़िलाफ़ कम से कम 40 पारियां खेली हैं, उनमें क्लासेन का स्ट्राइक रेट सबसे बेहतर है.
गुरबाज़ की फ़िटनेस पर संशय
सोमवार को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ मैच में कीपिंग करते समय पहले ओवर में ही रहमानउल्लाह गुरबाज़ के घुटने में चोट लगी थी और उन्होंने तुरंत मैदान छोड़ दिया था. इसके बाद पूरे मैच में मोहम्मद इशाक़ ने सब्सटीट्यूट कीपर के तौर पर क्षेत्ररक्षण किया था. अफ़ग़ानिस्तान ने तारौबा में अभ्यास नहीं किया है और यह देखना होगा कि क्या गुरबाज़ मैच के लिए फ़िट हैं या नहीं. अगर गुरबाज़ समय तक ठीक नहीं हो पाते हैं तो अफ़ग़ानिस्तान हज़रतउल्लाह ज़ज़ई को उनकी जगह शीर्ष पर खिला सकती है और इशाक़ बतौर कीपर और मध्य क्रम बल्लेबाज़ के तौर पर खेल सकते हैं.
दक्षिण अफ़्रीका की बात करें तो वह भारत के अलावा दूसरी ऐसी टीम इस टूर्नामेंट में रही है जो एक भी मैच नहीं हारी है. ग्रुप स्तर में अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ दक्षिण अफ़्रीका एक बार तो मुश्किल में थी लेकिन अंत में डेविड मिलर ने बेहतरीन पारी खेलकर टीम को जीत दिला दी थी. दूसरी ओर अफ़ग़ानिस्तान ने पहली बार किसी विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में जगह बनाई हैं. वे अंडर 19 विश्व कप में ऐसा कर चुके हैं, लेकिन सीनियर टीम पहली बार सेमीफ़ाइनल में पहुंची है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को सुपर 8 में हराकर उनका सफ़र समाप्त कर दिया था. वेस्टइंडीज़ की पिचें अफ़ग़ानिस्तान के गेंदबाज़ों को रास आ रही हैं और वे दक्षिण अफ़्रीका को फंसाने का दमखम रखते हैं.
अफ़ग़ानिस्तान (संभावित): इब्राहिम जादरान, रहमानुल्लाह गुरबाज़, (विकेटकीपर)/हज़रतउल्लाह ज़ज़ई, अज़मतउल्लाह ओमरज़ई, गुलबदीन नायब, मोहम्मद नबी, करीम जनत/मोहम्मद इशाक़ (विकेटकीपर), राशिद ख़ान (कप्तान), नांगेलिया ख़रोटे, नवीन उल हक़, नूर अहमद, फ़ज़लहक़ फ़ारूक़ी.
साउथ अफ़्रीका (संभावित): क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), रीज़ा हेंड्रिक्स, एडन मारक्रम (कप्तान), डेविड मिलर, हेनरिक क्लासेन , ट्रिस्टन स्ट्ब्स, मार्को यानसन, केशव महाराज, कैगिसो रबाडा, अनरिख़ नॉर्खिये , तबरेज़ शम्सी.