रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में इन दिनों बेहद ही अजीब रिकॉर्ड देखने को मिल रहे हैं. रणजी ट्रॉफी के एलिट ग्रुप मुकाबले में गेंदबाजों का ऐसा कमाल देखने को मिला है जो क्रिकेट इतिहास में आपने पहले कभी नहीं देखा होगा. मध्य प्रदेश और आंध्रा के मुकाबले में एमपी की टीम 35/3 से 35 के स्कोर पर ही ऑल-आउट हो गई. एलिट मुकाबलों में ग्रुप बी में इंदौर में खेले गए आंध्रा और मध्यप्रदेश के मुकाबले में मध्यप्रदेश के सामने 343 रनों का लक्ष्य था, लेकिन मध्यप्रदेश की टीम आंध्रा के ससीकांत और विजय कुमार की घातक गेंदबाजी के आगे 35 पर तीन विकेट से 35 रनों पर ही ऑल-आउट हो गई.
343 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए एमपी की शुरुआत बेहद खराब रही, लेकिन इसके बाद हालात और बद्तर होते चले गए. एमपी ने अपने आखिरी छह विकेट सिर्फ 23 गेंदों के अंतराल में गंवाए. बता दें कि दो दिन पहले ही त्रिपुरा की टीम भी राजस्थान के खिलाफ महज 35 रन पर आउट हो गई थी. रणजी ट्रॉफी के इतिहास में 35 रन संयुक्त रूप से 13वां सबसे छोटा स्कोर है. यह मध्य प्रदेश की टीम का इस टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे कम स्कोर भी है.
एमपी के कप्तान नमन ओझा ने टॉस जीतकर आंध्र प्रदेश को पहले बल्लेबाजी का मौका दिया और वह 132 रन पर ढेर हो गई. मध्य प्रदेश के लिए ईश्वर पांडे ने चार विकेट लिए तो गौरव यादव और के कार्तिकेय ने तीन-तीन विकेट झटके. दूसरी पारी में आंध्र ने 301 रन बनाकर दम दिखाया और मध्य प्रदेश को 343 रन का लक्ष्य दिया. दूसरी पारी में नमन ओझा की टीम ने तीन विकेट के नुकसान पर 35 रन बना लिए थे, लेकिन इस बाद 35 रन के स्कोर पर ही पूरी टीम ढेर हो गई.
तेरहवें ओवर में 35/3 का स्कोर बनाने के बाद अगली 23 गेंदों में टीम के एक बाद एक छह विकेट उसी स्कोर पर धड़ाधड़ गिर गए. एमपी टीम ने 14वें ओवर की पहली गेंद पर चौथा, पांचवीं गेंद पर पांचवां, 16वें ओवर की दूसरी गेंद पर छठा, तीसरी पर सातवां और पांचवीं पर 8वां विकेट गंवाने के बाद 17वें ओवर की पांचवीं गेंद पर नौवां विकेट गंवाया.
बता दें कि मध्य प्रदेश की टीम इस एलीट ग्रुप बी मैच की दोनों पारियों में 100 का स्कोर नहीं छू सकी. मेजबान टीम पहली पारी में 91 रन पर सिमट गई थी. आंध्र की टीम ने पहली पारी में 132 और दूसरी पारी में 301 रन बनाए. इस तरह मध्य प्रदेश को 307 रन की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. इस हार के साथ ही मध्यप्रदेश टूर्नामेंट की नॉकआउट रेस से बाहर हो गई.