गुवाहाटी: मुंबई (Mumbai) के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बना दिया है. असम (Assam) के विरुद्ध ग्रुप बी के मुकाबले में 240 के पहले दिन के स्कोर से अपनी पारी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने 99 गेंदों पर 139 रन बनाए. वह 379 रन बनाकर पवेलियन लौटे.
भाऊसाहेब निंबलकर, जिन्होंने महाराष्ट्र की ओर से खेलते हुए काठियावाड़ के विरुद्ध दिसंबर 1948 में 443 रन बनाए थे, अब भी रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक निजी स्कोर और सर्वाधिक प्रथम श्रेणी स्कोर बनाने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सूची में शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं. शॉ अब इन दोनों सूचियों में दूसरे स्थान पर आ गए हैं. FIH Men's Hockey WC 2023: हॉकी विश्व कप जितने के वे 5 दावेदार, जिन पर रहेगी सबकी नजर, क्या बादशाहत बरकरार रख पाएगी बेल्जियम?
बुधवार को शॉ रणजी ट्रॉफी की एक पारी में 350 रन बनाने वाले नौवें खिलाड़ी बन गए. उन्होंने स्वप्निल गुगाले (351 नाबाद), चेतेश्वर पुजारा (352), वी वी एस लक्ष्मण (353), समित गोहेल (359 नाबाद) और संजय मांजरेकर (377) को पीछे छोड़ा. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह 400 का आंकड़ा पार कर जाएंगे लेकिन लंच से पहले के अंतिम ओवर में रियान पराग की गेंद पर वह पगबाधा हुए.
शॉ ने तीन साझेदारियां निभाई और तीनों में उनका योगदान सर्वाधिक था. पहले विकेट के लिए मुशीर खान के साथ 123 रनों की साझेदारी में उन्होंने 75 रन बनाए.अरमान जाफर के साथ दूसरे विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी में शॉ के बल्ले से 42 रन निकले. मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 401 रनों की साझेदारी में उन्होंने 262 रनों का योगदान दिया.
इस पारी ने शॉ के खराब फॉर्म के सिलसिले को समाप्त किया. पिछली सात रणजी ट्रॉफी पारियों में शॉ के बल्ले से केवल एक अर्धशतक निकला था लेकिन शायद इस पारी ने उन्हें भारतीय टीम का एक दावेदार बना दिया है. अब तक पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके शॉ ने आखिरी बार जुलाई 2021 में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया था.
स्पोर्टस्टार के साथ पहले दिन के अंत में एक साक्षात्कार में, शॉ ने अपेक्षाओं को प्रबंधित करने और आलोचना से निपटने की चुनौतियों के बारे में बात की थी.
शॉ ने कहा, "मैं समझ चुका हूं कि जब आप रन बनाते हैं तब आप बहुत अच्छा महसूस करते हैं. लेकिन जब आप रन नहीं बनाते तब लोग आपके पीछे पड़ेंगे. जब आप रन बनाते हैं तब उम्मीदें काफी रहती है, तो जब आप तीन या चार पारियों में जल्दी आउट हो जाते हैं तब लोग - यार ये है, वो है - कहने लगते हैं."
उन्होंने आगे कहा, "केवल आप ही जानते हैं कि क्या आप प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं, या क्या आप पहले से अधिक अनुशासित हैं, क्या आप समय पर सो रहे हैं, खेल से पहले अच्छा खा रहे हैं. वे सभी चीजें मायने रखती हैं. मैं बस उन बातों को फॉलो करने की कोशिश कर रहा हूं और कोशिश कर रहा हूं कि जितना हो सके अकेले में समय बिताऊं. मैंने बाहर के शोर को काट दिया - चाहे वह सोशल मीडिया पर हो या अन्य प्लेटफॉर्म पर."
सलामी बल्लेबाज ने आगे कहा, "मैं उन चीजों से दूर रहने की कोशिश करता हूं या कभी-कभी अपने मैनेजर से सोशल-मीडिया गतिविधियों को संभालने के लिए कहता हूं. मेरे पास ब्रांड प्रतिबद्धताएं हैं, और इसलिए सोशल मीडिया से दूर रहना संभव नहीं है, और इस प्रकार, आप अंतत: देखते हैं कि क्या लिखा या बोला जा रहा है. लेकिन मैं अभी भी जितना हो सके शोर को कम करने की कोशिश कर रहा हूं."
उन्होंने आगे बताया, "लोग आपके बारे में बात कर रहे हैं और फिर 10 साल बाद भी वही करते रहेंगे, इसलिए आपको इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए, क्योंकि अगर आप लाइनों के बीच बहुत ज्यादा पढ़ना शुरू कर देंगे, तो आप खुद को प्रभावित कर रहे होंगे."