नई दिल्ली: आईसीसी विश्व कप-2019 में भारतीय क्रिकेट टीम को नंबर-4 पर एक बेहतरीन बल्लेबाज की कमी खली. टूर्नामेंट के बाद वेस्टइंडीज दौरा भारत के लिए अहम है और इस दौरान चयनकर्ताओं के पास यह देखने का भी मौका है कि क्या शुभमन गिल (Shubman Gill )या श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) इस पोजिशन पर फिट हो सकते हैं? दोनों बल्लेबाज फिलहाल, इंडिया-ए टीम के साथ वेस्टइंडीज का दौरा कर रहे हैं। गिल ने जहां पिछले दो मैचों में 62 और 77 रनों की पारी खेली है तो वहीं अय्यर पहले मैच में 77 ओर अगले मैच में 47 रन बनाए। कप्तान मनीष पांडे ने पिछले मैच में शतक जमाया, लेकिन उन्हें पांच या छठे नंबर के लिए देखा जा रहा है.
नंबर-4 पर एक बेहतरीन बल्लेबाज को न ढूंढ़ पाने के कारण संजय बांगर को भी तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है. आईएएनएस से बात करे हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि मध्यक्रम में लगातार किए गए बदलावों ने केवल विश्व कप में ही नहीं बल्कि पिछले कई सीजन में भारतीय टीम को परेशानी में डाला है. अधिकारी ने कहा, "हमें लगातार जूझना पड़ा। हम खिलाड़ियों को पूरा समर्थन करते हैं क्योंकि एक खराब दिन के अलावा टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन बेहद शानदार रहा. लेकिन भविष्य के बारे में कोई निर्णय लेने से पहले स्पोर्ट स्टाफ के निर्णय की समीक्षा जरूर होगी. विजय शंकर के चोटिल होने के कारण टूर्नामेंट से बाहर होने से एक दिन पहले बांगर का यह कहना है कि सभी खिलाड़ी फिट है बहुत निराशाजनक है." यह भी पढ़े: India vs West Indies 2019 Series: वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टीम के चयन की तारीख टली, अब इस दिन हो सकती है घोषणा
अधिकारी ने कहा, "सपोर्ट स्टाफ के प्रदर्शन की समीक्षा में अनियमितता अनियमितता देखी गई क्योंकि जिन लोगों को इसकी जिम्मेदारी सौपी गई थी वह चाहते थे कि स्टाफ के कुछ लोग अपनी पोजिशन पर बने रहे। वरिष्ठ कर्मचारियों सहित मौजूदा प्रशासन क्रिकेट के सभी निर्णय को लेकर उलझन में थे और यहां तक कि क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) की भी अनदेखी की जिसमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वी.वी.एस. लक्ष्मण जैसे खिलाड़ी शामिल है। यह बेहद शर्म की बात है