India vs New Zealand, ICC Cricket World Cup 2019 : चोटिल शिखर धवन की अनुपस्थिति में भारतीय टीम की वैकल्पिक व्यवस्था की गुरुवार को यहां होने वाले विश्व कप मैच में न्यूजीलैंड के दमदार आक्रमण के सामने कड़ी परीक्षा होगी लेकिन यह लगातार खराब चल रहे मौसम के रूख बदलने पर ही संभव हो पाएगा. इंग्लैंड में चल रही बेमौसम की बरसात का साया भारत और न्यूजीलैंड के मैच पर मंडरा रहा है और ऐसे में इसके ओवरों में कटौती संभव है.
ऐसी स्थिति में खेल होने पर कीवी टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण भारत की सलामी जोड़ी के लिये मुश्किलें पैदा कर सकता है. धवन की अनुपस्थिति में रोहित शर्मा के साथ केएल राहुल पारी का आगाज करने के लिये उतर सकते हैं.धवन का बायें हाथ के अंगूठे में फ्रैक्चर के कारण अगले तीन मैचों में खेलना संदिग्ध है. इससे विराट कोहली और रवि शास्त्री को दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो मैचों में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा.
यह भी पढ़ें : ICC Cricket World Cup 2019: शिखर धवन टीम इंडिया के साथ बने रहेंगे, बीसीसीआई ने कहा-चोट पर रखी जाएगी निगरानी
रोहित और धवन ने मिलकर सलामी जोड़ी के रूप में 4681 रन बनाये हैं और ऐसे में टीम को बायें हाथ के बल्लेबाज की कमी खलेगी लेकिन उसके कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं. इससे पहले भारत को यह पता करने का मौका मिलेगा कि उसका ‘प्लान बी’ कितना कारगर है. राहुल के शीर्ष क्रम में आने का मतलब है कि विजय शंकर और दिनेश कार्तिक में से किसी को नंबर चार पर उतारा जाएगा. शंकर में आलराउंड क्षमता है तो कार्तिक अनुभवी हैं.
काले घने बादल और नमी वाली परिस्थितियों को देखते हुए मोहम्मद शमी को भी कलाई के किसी स्पिनर के बदले अंतिम एकादश में रखा जा सकता है. अगर शंकर और कार्तिक दोनों को अंतिम एकादश में जगह मिलती है तो केदार जाधव को बाहर बैठना होगा. टीम में इस तरह के बदलाव के लिये इससे आदर्श समय नहीं हो सकता है. टूर्नामेंट का अभी केवल दूसरा सप्ताह है तथा गुरुवार को उछाल वाले लेकिन बल्लेबाजी के लिये अनुकूल विकेट पर मैच होगा.
इस तरह की परिस्थितियों में पारी का आगाज करना हालांकि आसान नहीं होगा लेकिन राहुल मौके का फायदा उठाने के लिये प्रतिबद्ध होंगे. अगर वह ट्रेंट बोल्ट के शुरुआती स्पेल को अच्छी तरह से खेल लेते हैं तो इससे आगामी मैचों के लिये भी उनका मनोबल बढ़ेगा. उनके सामने दूसरे छोर पर खड़े रोहित शर्मा का उदाहरण होगा जो परिस्थितियों के अनुसार अपने खेल को बदलने में देर नहीं लगाते हैं. उन्हें रोहित की तरह पावरप्ले में कम से कम जोखिम लेना होगा.
भारतीय उप कप्तान को अभी तक इसका फायदा मिला है और उन्होंने पहले दो मैचों में शतक और अर्धशतक जमाया. इन दोनों का सामना बोल्ट से होगा जिन्होंने ओवल में अभ्यास मैच में भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में डाला था लेकिन तब कोहली की टीम ने इंग्लैंड में ज्यादा दिन नहीं बिताये थे. तब से दो सप्ताह से अधिक समय बीत गया है और बोल्ट को भी पर्याप्त स्विंग नहीं मिल रही है हालांकि उनकी गेंदबाजी शैली परिस्थितियों पर निर्भर नहीं रहती है.
न्यूजीलैंड के एक अन्य तूफानी गेंदबाज लॉकी फर्गुसन भी ट्रेंटब्रिज के विकेट से खुश है जिससे उछाल मिल सकती है. वेस्टइंडीज ने पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया के खिलाफ इस उछाल का ही फायदा उठाया था. फर्गुसन ने कहा, ‘‘वेस्टइंडीज ने दिखाया कि ट्रेंटब्रिज में कुछ अतिरिक्त उछाल मिलती है और इससे परेशानी हो सकती है. मैं इस चुनौती के लिये तैयार हूं क्योंकि मुझे एक मैदान के तौर पर ट्रेंटब्रिज पसंद है. ’’
न्यूजीलैंड ने अब तक अपने तीनों मैच जीते हैं और उसकी टीम आत्मविश्वास से भरी है. वह अपना विजय अभियान जारी रखने के लिये प्रतिबद्ध है. रिकार्ड के लिये बता दें कि इन दोनों टीमों के बीच इंग्लैंड की सरजमीं पर विश्व कप में अब तक जो तीन मैच खेले गये हैं उन सभी में कीवी टीम विजयी रही है. कोहली की टीम के लिये उसके इस विजय अभियान पर रोक लगाने की भी चुनौती होगी.
टीमें इस प्रकार हैं :
भारत : विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, केएल राहुल, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, केदार जाधव, विजय शंकर, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, दिनेश कार्तिक, रवींद्र जडेजा, शिखर धवन में से.
न्यूजीलैंड : केन विलियमसन (कप्तान), मार्टिन गुप्टिल, मैट हेनरी, टॉम लैथम, कॉलिन मुनरो, जिमी नीशाम, हेनरी निकोल्स, मिशेल सेंटनर, ईश सोढ़ी, ट्रेंट बोल्ट, कॉलिन डि ग्रैंडहोमे, लॉकी फर्गुसन, टिम साउथी, रोस टेलर, टॉम ब्लंडेल (विकेटकीपर).