लंदन, 25 सितम्बर : आफ स्पिन आलराउंडर दीप्ति शर्मा के 44वें ओवर में नॉन-स्ट्राइकर एंड पर इंग्लैंड की चार्ली डीन को रन आउट करने के बाद लॉर्डस में इंग्लैंड पर भारत की 16 रन की जीत के साथ तीन वनडे मैचों की सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप की. लेकिन इस रन आउट को लेकर क्रिकेट जगत में दो अलग-अलग बातें कही जा रही है. पिछले हफ्ते ही, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (बीसीसीआई) द्वारा किए गए परिवर्तनों में, नॉन-स्ट्राइकर के छोर से रन आउट करने की विधि को 'अनफेयर प्ले' के नियम 41 से 'रन आउट' खंड के नियम 38 में शिफ्ट कर दिया गया था. इसे अब आउट की लिस्ट में रखा गया है.
इंग्लैंड के अधिकांश क्रिकेटरों, पुरुष और महिला, दोनों आउट के तरीके से असहमत है, लेकिन कई दिग्गज दीप्ति शर्मा का समर्थन कर रहे हैं. आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 2019 के आईपीएल के दौरान इंग्लैंड के सफेद गेंद के कप्तान जोस बटलर को उसी तरह से रन आउट किया था जिस तरह से दीप्ति ने किया. अश्विन ने ट्विटर पर लिखा, "आप क्यों ट्रेंड कर रहे हैं, अश्विन? आज रात एक और बॉलिंग हीरो उभरी है, जिसका नाम दीप्ति शर्मा है." यह भी पढ़ें : भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया- हैदराबाद पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए
जब इंग्लैंड के विकेटकीपर-बल्लेबाज सैम बिलिंग ने बताया कि अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को इस तरह के आउट होने के साथ अधिक विकेट मिल सकते थे, अश्विन ने ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा कि गेंदबाजों को गैर-स्ट्राइकर छोर से रन-आउट को प्रभावित करने के लिए पुरस्कार देना चाहिए ना की आलोचना करना चाहिए. जो वर्तमान में पाकिस्तान के खिलाफ टी20 श्रृंखला में खेल रहे इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स ने बिलिंग्स के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, "नॉन स्ट्राइकर के लिए अपनी क्रीज में रहना मुश्किल नहीं होना चाहिए जब तक कि गेंद हाथ से न निकल जाए."
हेल्स ने अपने दूसरे ट्वीट में आगे कहा, "हालांकि गेंद हाथ से नहीं निकली.मैं जरूरी नहीं कि इस घटना के बारे में बात कर रहा हूं, लेकिन सामान्य तौर पर सिर्फ 'मांकड़' मुद्दे की बात कर रहा हूं. यह कोई मुद्दा नहीं है, अगर बल्लेबाज क्रीज में तब तक बने रहे जब तक कि गेंद हाथ से न छूट जाए." भारत के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने दीप्ति के प्रति अपना गुस्सा दिखाने वाले इंग्लैंड के क्रिकेटरों पर जमकर हमला किया है. सहवाग ने ट्विटर पर लिखा, "इतने सारे अंग्रेजों को हारते हुए देखना मजेदार है."