भारत की सबसे कम उम्र की पैरालंपिक पदक विजेता शीतल देवी ने हाल ही में महिंद्रा स्कॉर्पियो एन की डिलीवरी ली. इस खास मौके पर महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर शीतल देवी के साथ तस्वीरें शेयर करते हुए उन्हें शानदार सफलता के लिए बधाई दी. उन्होंने लिखा, "शीतल हम सभी के लिए एक प्रेरणा हैं और मुझे उन्हें स्कॉर्पियो एन में देखकर गर्व हो रहा है. यह उनके लिए उपयुक्त घोड़ा है, क्योंकि वह नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही हैं."
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आनंद महिंद्रा ने शीतल देवी की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा, "मैं लंबे समय से शीतल देवी की सफलता को दूर से देखता रहा हूं, और जब मैं उनसे मिला, तो उनके दृढ़ संकल्प और ध्यान से मैं बहुत प्रभावित हुआ." उन्होंने यह भी बताया कि शीतल देवी के परिवार, खासकर उनकी मां और बहन, का भी इस सफलता में महत्वपूर्ण योगदान है.
आनंद महिंद्रा ने कहा, "मुझे उन्हें स्कॉर्पियो में देखकर गर्व हो रहा है."
I have long admired @archersheetal ’s talent from afar. Meeting her in person, I was struck by her remarkable determination, tenacity and focus.
Speaking to her mother and sister, it was clear that it runs in the family!
She gifted me an arrow, a symbol of her identity as an… pic.twitter.com/SFY8RCf6iM
— anand mahindra (@anandmahindra) January 28, 2025
शीतल देवी ने आनंद महिंद्रा को एक तीर भेंट किया, जो उनके पहचान का प्रतीक है. महिंद्रा ने इसे "अमूल्य" बताते हुए कहा कि यह तीर किसी भी सीमा से बंधा नहीं है, जैसे शीतल देवी की खेलों में सफलता
इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में शीतल देवी ने बताया की, "आखिरकार महिंद्रा स्कॉर्पियो एन का मालिक बनकर रोमांचित हूं! 16 साल की उम्र में, मैं यह जानकर दंग रह गया कि #आनंदमहिंद्रा सर मुझे महिंद्रा से मेरी पसंद की कार उपहार में देना चाहते थे। अविश्वसनीय! - कुछ भी, मैंने धीरे से कहा. एक बार जब वास्तविकता समझ में आई, तो मैंने 18 साल की उम्र में इसे लेने का विकल्प चुना."
आगे शीतल ने कहा," अपने 18वें जन्मदिन के बाद मैं आभार व्यक्त करने के लिए श्री महिंद्रा से मिला... सर, आपकी दयालुता और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद. महिंद्रा वाहन चुनना रोमांचकारी और साथ ही अभिभूत करने वाला था, लेकिन महिंद्रा स्कॉर्पियो एन ने मेरा दिल जीत लिया! यह मेरे गांव की ऊबड़-खाबड़ सड़कों के लिए एकदम सही लगा. वाहन अद्भुत है! फिर से धन्यवाद, सर! पहली ड्राइव: आभार और प्रार्थना करने के लिए हम कटरा की ओर बढ़े. इस अविश्वसनीय यात्रा के लिए हमेशा आभारी रहूंगा!"
शीतल देवी भारत की सबसे कम उम्र की पैरालंपिक पदक विजेता
शीतल देवी ने अपनी अद्वितीय संघर्ष और साहस के साथ दुनिया भर में नाम कमाया है। उन्होंने 2024 पेरिस पैरालिंपिक में मिश्रित टीम कंपाउंड स्पर्धा में कांस्य पदक जीता और भारत की सबसे कम उम्र की पैरालंपिक पदक विजेता बन गईं. इसके अलावा, उनके पास 2022 एशियाई पैरा खेलों में दो स्वर्ण और एक रजत पदक भी है. उनके शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अर्जुन पुरस्कार मिला. शीतल देवी की प्रेरक यात्रा साबित करती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी चुनौती पार की जा सकती है.













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