US Tariffs on India: महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ (आयात पर टैक्स) को लेकर भारत के लिए एक शानदार रास्ता सुझाया है. उनका कहना है कि इस मुश्किल को एक बड़े अवसर में बदलने का यही सही समय है.
यह मामला तब गरमाया जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत से आने वाले सामान पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया और बाद में इसे बढ़ाकर 50% कर दिया. अमेरिका ने यह कदम भारत द्वारा रूस से लगातार तेल खरीदने के कारण उठाया है. इस वजह से भारत के कपड़ा, चमड़ा और समुद्री उत्पाद जैसे उद्योगों को बड़ा झटका लग सकता है.
इस चुनौती के बीच, आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट में दो दमदार सुझाव दिए हैं. उनका मानना है कि जैसे 1991 में विदेशी मुद्रा संकट ने भारत में आर्थिक सुधारों का दौर शुरू किया था, वैसे ही आज का यह टैरिफ संकट हमारे लिए "अमृत" लेकर आ सकता है.
आइए जानते हैं उनके दो प्रमुख सुझाव क्या हैं:
1. भारत में बिजनेस करना बेहद आसान बना दें
महिंद्रा का पहला और सबसे ज़रूरी सुझाव है कि भारत में व्यापार करने के नियमों को क्रांतिकारी तरीके से आसान बनाया जाए.
- अब छोटे-मोटे सुधारों से काम नहीं चलेगा. हमें एक ऐसा सिस्टम बनाना होगा जहां किसी भी निवेश के लिए सारी मंज़ूरियां एक ही जगह (सिंगल विंडो क्लीयरेंस) से और बहुत तेज़ी से मिल जाएं.
- भले ही कई नियम राज्यों के हाथ में हैं, लेकिन इसकी शुरुआत उन राज्यों के साथ मिलकर की जा सकती है जो इसके लिए तैयार हैं.
- अगर हम काम में तेज़ी, सरलता और पारदर्शिता दिखाते हैं, तो भारत दुनिया भर के निवेशकों के लिए पहली पसंद बन जाएगा, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया भरोसेमंद पार्टनर की तलाश में है.
2. टूरिज्म की ताकत को पूरी तरह इस्तेमाल करें
महिंद्रा का दूसरा सुझाव टूरिज्म यानी पर्यटन को बढ़ावा देने पर है. उनका मानना है कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिससे हम विदेशी मुद्रा और रोजगार, दोनों भारी मात्रा में पा सकते हैं, लेकिन हमने अब तक इसकी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं किया है.
- इसके लिए हमें वीज़ा देने की प्रक्रिया को बहुत तेज़ करना होगा.
- पर्यटकों के लिए सुविधाएं बेहतर करनी होंगी.
- मौजूदा टूरिस्ट जगहों के आसपास खास "टूरिज्म कॉरिडोर" बनाने होंगे, जहां सुरक्षा, साफ-सफाई और स्वच्छता की पूरी गारंटी हो. ये कॉरिडोर एक मॉडल की तरह काम करेंगे, जिससे देश के दूसरे इलाके भी बेहतर बनने के लिए प्रेरित होंगे.
The ‘law of unintended consequences’ seems to be operating stealthily in the prevailing tariff war unleashed by the U.S.
Two examples:
The EU may appear to have accepted the evolving global tariff regime, responding with its own strategic adjustments. Yet the friction has… pic.twitter.com/D5lRe5OWUa
— anand mahindra (@anandmahindra) August 6, 2025
दूसरे देशों से सीखें
आनंद महिंद्रा ने कनाडा और यूरोप का उदाहरण भी दिया. उन्होंने बताया कि कैसे अमेरिका के टैरिफ के जवाब में कनाडा ने अपने प्रांतों के बीच व्यापार की बाधाओं को खत्म करना शुरू कर दिया. वहीं, यूरोप ने भी अपनी सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए नए कदम उठाए हैं.
उनका संदेश साफ है: "हम दूसरों को अपने देश को पहले रखने के लिए दोष नहीं दे सकते. लेकिन हमें इस मौके का इस्तेमाल अपने देश को पहले से कहीं ज्यादा महान बनाने के लिए करना चाहिए."
संक्षेप में, आनंद महिंद्रा का कहना है कि अमेरिका के टैरिफ से घबराने की बजाय, भारत को इसे एक मौके के तौर पर देखना चाहिए और अपने घर यानी अपनी अर्थव्यवस्था को इतना मजबूत बना लेना चाहिए कि दुनिया की कोई भी ताकत हमें नज़रअंदाज़ न कर सके.













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