मेरठ, 15 जनवरी: एक चौंकाने वाली घटना में मेरठ के केएमसी अस्पताल पर 2017 में एक सर्जरी के दौरान चुपके से एक महिला की किडनी निकालने का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद छह डॉक्टरों के खिलाफ औपचारिक शिकायत और एफआईआर दर्ज की गई है. बुलंदशहर की 43 वर्षीय महिला कविता देवी का आरोप है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने न केवल अनधिकृत प्रक्रिया की, बल्कि जब उसने उनसे विरोध किया तो उसके मेडिकल रिकॉर्ड भी नष्ट कर दिए. स्थानीय अदालत द्वारा आदेशित एफआईआर ने आरोपों की चल रही जांच को गति दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, कविता देवी ने मई 2017 में अपने आंतरिक अंगों से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के लिए केएमसी अस्पताल में इलाज की मांग की थी. यह भी पढ़ें: Rajasthan Shocker: मेहंदीपुर बालाजी कस्बे में एक ही परिवार के 4 लोगों के शव मिले
अस्पताल के मालिक डॉ. सुनील गुप्ता ने इन समस्याओं के समाधान के लिए सर्जरी की सिफारिश की और उन्हें आश्वासन दिया कि इस प्रक्रिया से उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा. हालांकि, सर्जरी के बाद, कविता को यह आश्वासन देकर छुट्टी दे दी गई कि उनकी किडनी ठीक से काम कर रही है, लेकिन उनकी हालत पिछले कुछ सालों में खराब होती गई.
मेरठ के केएमसी अस्पताल पर अवैध किडनी निकालने का आरोप:
#मेरठ के KMC अस्पताल ने 2017 में आप्रेशन के बहाने एक मरीज की किडनी निकाल ली.
अगले 5 साल तक मरीज को दवाऐं देते रहे. मरीज ने अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला किडनी गायब है
डॉक्टर से शिकायत की तो उसने मरीज के घर गुंडे भेज दिये. बुलंदशहर पुलिस 6 महीने तक शिकायत दबाये रही
अब कोर्ट के… pic.twitter.com/i73Hxd16wp
— Narendra Pratap (@hindipatrakar) January 15, 2025
मई 2022 में एक अन्य डॉक्टर से परामर्श के दौरान, कविता अल्ट्रासाउंड के माध्यम से यह जानकर चौंक गई कि उसकी एक किडनी गायब है. उसके गिरते स्वास्थ्य के बावजूद, केएमसी अस्पताल ने उसे आश्वस्त करना जारी रखा कि सब कुछ ठीक है, यहां तक कि अल्ट्रासाउंड भी किया जिसमें गलत तरीके से दोनों किडनी बरकरार दिखाई गई. जब कविता ने किडनी गायब होने के बारे में अस्पताल के कर्मचारियों से बात की, तो उसने दावा किया कि उन्होंने उसके परिवार को धमकाया और उसके सामने उसके मेडिकल रिकॉर्ड नष्ट कर दिए.
कविता के वकील परितोष तेवतिया ने पुष्टि की कि शिकायत दर्ज करने के कई असफल प्रयासों के बाद, अदालत ने भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता की धारा 175(3) के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. एफआईआर में आपराधिक साजिश, गंभीर चोट, आपराधिक धमकी और मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम के उल्लंघन के आरोप शामिल हैं.