बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर आगाह किया और माना कि यह विचारों के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम बन गया. जस्टिस सुनील बी शुकरे और जस्टिस एम डब्ल्यू चंदवानी की डिविजन बेंच ने कहा, "जब कोई अपना विचार व्यक्त करता है या टिप्पणी करता है कि इस्तेमाल किए गए शब्द अश्लील या अपमानजनक नहीं हैं तो सावधान रहना होगा. दूसरे शब्दों में सोशल मीडिया के स्वस्थ उपयोग की आवश्यकता और रोकथाम की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाना होगा."
कोर्ट ने कहा कि भारत का लोकतंत्र इतना आगे बढ़ चुका है और निष्पक्ष आलोचना, असहमति और व्यंग्यात्मक टिप्पणियों के प्रति सहिष्णुता इसकी पहचान बन गई है.
Social Media Important Pillar Of Democracy As Long As It Is Not Misused: Bombay High Court https://t.co/JqnxSLmlbe— Live Law (@LiveLawIndia) December 21, 2022
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