एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि हाई कोर्ट के सभी रिटायर्ड जज पूर्ण पेंशन के लिए पात्र हैं, भले ही उन्होंने न्यायिक सेवा कभी भी शुरू की हो. यह फैसला सभी न्यायाधीशों के साथ समान व्यवहार करेगा और नियुक्ति की तिथि के आधार पर पेंशन के वितरण में असमानता को समाप्त करेगा. भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोहराया कि न्यायाधीशों के बीच पेंशन लाभ में कोई भी भेदभाव संविधान के अनुच्छेद 14 के खिलाफ है, जो कानून के समक्ष समानता के अधिकार को स्थापित करता है. अदालत ने कहा कि इस तरह की असमानता असंवैधानिक है और इसे ठीक किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि फैसले में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अतिरिक्त न्यायाधीश, जिन्हें आमतौर पर बढ़ते मुकदमों से निपटने के लिए नियुक्त किया जाता है, स्थायी न्यायाधीशों के समान पेंशन लाभ के हकदार हैं. यह भी पढ़ें: उच्च न्यायालय ने प्रेम संबंध को लेकर पति के दावे पर महिला से आवाज का नमूना मांगा

रिटायर्ड हाई कोर्ट जज रिटायर्मेंट पर पूर्ण पेंशन के हकदार होंगे'

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