आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि AI 21वीं सदी में विकास का सबसे बड़ा टूल बन सकता है और 21वीं सदी को तबाह करने में भी सबसे बड़ी भूमिका निभा सकता है. पीएम मोदी ने कहा कि जब AI को लेकर पूरी दुनिया में बहुत बड़ी डिबेट छिड़ी हुई है, डिबेट से सकारात्मक और नकारात्मक पहलू सामने आ रहे हैं. AI के प्रभाव से वर्तमान और आने वाली पीढ़ियां कोई भी छुटी नहीं है, हमें सतर्कता और सावधानी के साथ आगे बढ़ना है. इस समिट से निकले विचार, सुझाव पूरी मानवता के मूलभूत मूल्य को दिशा देने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत AI के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है. AI में भारत के तकनीकी परिदृश्य में क्रांति लाने की क्षमता है. पीएम मोदी ने कहा कि डीप फेक का चैलेंज पूरी दुनिया के सामने है, इसके अलावा साइबर सिक्योरिटी, डेटा थेफ्ट, आतंकियों के हाथ में AI टूल्स के आने का भी बहुत बड़ा खतरा है.

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