राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तान समर्थित गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल मामले में कई राज्यों में छापेमारी की. इस दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त की गईं.  छापेमारी में उन संदिग्धों के पाकिस्तान स्थित आकाओं के साथ संबंधों की जानकारी भी मिली, जिनके परिसरों की तलाशी ली गई. ये संदिग्ध संचालकों के संपर्क में थे और गजवा-ए-हिंद के कट्टरपंथी, भारत-विरोधी विचार का प्रचार-प्रसार करने में शामिल थे.

NIA की छापेमारी मध्य प्रदेश के देवास, गुजरात के गिर-सोमनाथ, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और केरल के कोझिकोड में संदिग्धों के परिसरों पर की गई. यह मामला पहले 14 जुलाई 2022 को बिहार के पटना जिले में फुलवारीशरीफ पुलिस द्वारा मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया गया था.

मरगूब व्हाट्सएप ग्रुप 'ग़ज़वा-ए-हिंद' का एडमिन था, जिसे ज़ैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था. आरोपी मरगूब ने भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन सहित अन्य देशों के कई लोगों को ग्रुप में जोड़ा था, जो टेलीग्राम और BiP मैसेंजर जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी एक्टिव थे. NIA की जांच के अनुसार भारत में गज़वा-ए-हिंद की स्थापना के नाम पर प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के उद्देश्य से व्हाट्सएप ग्रुप को पाकिस्तान स्थित संदिग्धों द्वारा संचालित किया जा रहा था.

 

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