शादी के बहाने मंगेतर से कई बार दुष्कर्म करने के आरोपित को जमानत देने से इनकार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. हाई कोर्ट ने कहा कि केवल सगाई होने का मतलब यह नहीं है कि आरोपित को यौन उत्पीड़न, मारपीट या धमकी देने की अनुमति मिल जाती है. दिल्ली हाई कोर्ट की जज स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने आरोपित के उस तर्क को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि उन दोनों की सगाई हुई थी, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि शादी का झूठा वादा किया गया था.
पीड़िता ने शिकायत में आरोप लगाया कि सगाई के चार दिन बाद आरोपित यह कहते हुए उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध स्थापित किए कि वे एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और जल्द ही शादी कर लेंगे. पीड़िता ने इसके साथ ही नशे की हालत में बेरहमी से पीटने का आरोप भी लगाया.
Mere Engagement Does Not Permit A Person To Sexually Assault His Fiancé: Delhi High Court In Bail Order @nupur_0111 https://t.co/JVJK5b1xdC
— Live Law (@LiveLawIndia) October 6, 2022
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