जम्मू और कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि एक विधवा को पति की मृत्यु के बाद इस आधार पर पारिवारिक पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है कि उसके जीवनकाल के दौरान, जोड़े के बीच तलाक की कार्यवाही चल रही थी.
जस्टिस राहुल भारती ने कहा कि पारिवारिक पेंशन कानून के तहत एक अधिकार है जिसे कानून द्वारा अनुमति मिलने पर ही छीना जा सकता है. हाई कोर्ट विधवा की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उसके मृत पति की पेंशन की मांग की गई थी, जो 2015 तक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में एक कांस्टेबल के रूप में कार्यरत थे.
Cannot deny family pension to widow on ground of divorce proceedings during husband's lifetime: Jammu and Kashmir High Court
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— Bar & Bench (@barandbench) April 4, 2023
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