Bangladesh Violence: बांग्लादेश के चट्टोग्राम में मंगलवार को गिरफ्तार हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास के समर्थकों और पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हो गई. timesnownews.com की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदू समुदाय से जुड़े सैकड़ों प्रदर्शनकारी कोर्ट परिसर के बाहर इकट्ठा हुए और पूर्व इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का विरोध करने लगे. चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया है. प्रदर्शनकारी सुबह से ही चट्टोग्राम के छठे मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर इकट्ठा हो गए थे.
दोपहर के करीब, जब कोर्ट ने चिन्मय कृष्ण दास को जमानत देने से इनकार कर दिया, तो प्रदर्शनकारियों ने विरोध को तेज कर दिया. जैसे ही पुलिस वैन संत को लेकर जेल की ओर बढ़ने लगी, तो प्रदर्शनकारियों ने वैन को रोकने का प्रयास किया.
चटगांव में पुलिस ने किया लाठीचार्ज
🚨 SHAMEFUL! Fascist Yunus govt police 'BRUTALLY' beat Bangladeshi Hindus who were protesting against the 'ARREST' of Bangladesh ISKCON prominent saint Chinmoy Krishna Das Prabhu. pic.twitter.com/Nw1kw4dFl1
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 26, 2024
एकजुट हो बांग्लादेश; चिन्मय दास
The powerful voice of Hindu Saint in Bangladesh Police Captivity. Muhammad Yunus digging his own grave by allowing state sponsorship of attacks against Hindu minorities.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 26, 2024
इस्लामी कट्टरपंथियों ने लोकनाथ मंदिर पर बोला हमला
#BREAKING: Jamaat Shibir leaders and activists attacked the Loknath Temple in the Kotwali area of Chittagong in Bangladesh. pic.twitter.com/Z68yGD7Jq3
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 26, 2024
इस दौरान लगभग तीन घंटे तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही. इसके बाद, प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, ग्रेनेड का इस्तेमाल किया और लाठीचार्ज किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत होने की आशंका है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है.
इस बीच खबर आ रही है कि जमात शिबिर के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चट्टोग्राम के कोतवाली इलाके में स्थित लोकनाथ मंदिर पर हमला कर दिया है. हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय ने इस पूरी घटना की कड़ी निंदा की है और बांग्लादेश सरकार से उनके अधिकारों और सुरक्षा की गारंटी देने की मांग की है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं देश में धार्मिक सद्भाव को खतरे में डाल रही हैं.