गुवाहाटी, 11 नवंबर: विशेष पुलिस महानिदेशक असम, हरमीत सिंह कहते हैं, "रोहिंग्याओं के एक समूह को देखा जो त्रिपुरा से ट्रेन में यात्रा कर रहे थे और असम में प्रवेश कर गए थे. ऐसे 450 अवैध घुसपैठियों को सीमा सुरक्षा बलों की मदद से रोका गया और वापस लौटा दिया गया. यह जुलाई में असम की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) द्वारा शुरू किया गया एक ऑपरेशन था. एक बार जब पूछताछ और जांच हुई तो यह बहुत स्पष्ट था कि यह एक ऐसा मामला है जो राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता का विषय है और इसमें अंतरराज्यीय प्रभाव हैं. पहले दिन से ही यह मामला बना हुआ है, हमारे मुख्यमंत्री द्वारा देखा और निर्देशित किया गया और भूमि के उच्चतम गठन ने निर्णय लिया कि मामले को एनआईए को भेजा जाए और असम सरकार ने गृह मंत्रालय, भारत सरकार से इनमें से एक मामले को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया. यह भी पढ़ें: Cash-For-Query: रिश्वत मामले में CBI महुआ मोइत्रा से करेगी पूछताछ, भड़की TMC सांसद बोलीं 'आईए मेरे जूते गिनने के लिए आपका स्वागत'

एनआईए ने मामला अपने हाथ में लिया और जांच शुरू की. हमारे साथ एनआईए का एक सहयोगात्मक प्रयास रहा है और इस सहयोगात्मक प्रयास में हम देश भर से दलालों की एक सूची बनाने में सक्षम हुए. आज सुबह तड़के एनआईए द्वारा असम पुलिस के साथ कई राज्यों में एक अभियान चलाया गया और कुल 47 ऐसे दलालों और बिचौलियों को पकड़ा गया जो इस रैकेट को चला रहे थे. त्रिपुरा से 25, असम से 5, पश्चिम बंगाल से 3, कर्नाटक से 9, हरियाणा से 1, तेलंगाना से 1 और तमिलनाडु से 3."

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