हमारे देश में नवविवाहित कपल्स की पहली रात यानी सुहागरात के लिए जब उसका बिस्तर गुलाब के फूलों से सजाया जाता है, इत्रों का छिड़काव किया जाता है, तो यहां एक और कॉमन बात देखने को मिलती है कि सुहागरात से पूर्व नवविवाहिता अपने नये नवेले पति को केसर एवं पिस्ता युक्त दूध प्रस्तुत करती है. अब जहां तक सुहागरात के मूल आशय की बात है, कि इस रात कपल्स दैहिक रूप से भी एक हो जाते हैं. ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि इस प्रक्रिया में केसर व पिस्ता दूध की क्या भूमिका होती होगी. आइये जानते हैं कि सुहागरात के साथ केसर-पिस्ता का दूध क्या मायने रखता है.
हमारे धर्म-शास्त्रों में लिखा है कि जोड़े स्वर्ग में तैयार होते हैं, इसीलिए हमारे यहां परिणय-संस्कार को दो आत्माओं का मिलन माना जाता है. परिणय-संस्कार में बंधकर आध्यात्मिक रूप से एकमय हो चुके कपल शादी की पहली रात सुहाग-सेज पर भी दैहिक रूप से एकसार होने की परंपरा निभाते हैं. इसे ही ‘सुहागरात’ कहते हैं. लेकिन सुहागरात की परंपरा निभाने से पूर्व उन्हें प्राचीनकाल से चली आ रही एक और परंपरा पति को दूध पिलाने की भी परंपरा निभानी पड़ती है. इस संदर्भ में तमाम तरह की बातें प्रचलित हैं. सुहागरात में पत्नी द्वारा पति को दूध पिलाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक, कुछ आयुर्वेदिक तो कुछ ज्योतिषीय कारण भी होते हैं.
क्या है परंपरा
विवाह के पश्चात पहली रात को यादगार बनाने के लिए दुल्हे की भाभियां और बहनें न्यू कपल के लिए उसके पूरे कमरे को सजाते हैं. उनके बिस्तर पर गुलाब और चमेली के फूलों का सेज सजाते हैं. भाभियां केसर, पिस्ता और बादाम आदि मिला दूध का गिलास दुल्हन को देकर कहती हैं कि वह इसे अपने नये-नवेले पति को पिलाकर अपने दांपत्य जीवन का श्रीगणेश करें.
पिस्ता-केसर दूध सेक्स हॉरमोन्स बढ़ाते हैं!
कामसूत्र के अनुसार अगर पिस्ता केसर वाले दूध में सौंफ का ताजा रस, शहद, नघपान और शक्कर मिलाकर पीया जाये तो ऊतक (Tissues) मजबूत और संगठित बनते हैं. दूध में उपस्थित प्रोटीन की मदद से टेस्टोस्टेरॉन और एस्ट्रोजन नामक दो सेक्स हॉरमोन भी डेवलप होते हैं, जो दूल्हे के सेक्सुअर रिलेशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताये जाते हैं. इसीलिए दुल्हे को दूध में बादाम, पिस्ता, केसर और प्रोटीन इत्यादि मिलाकर दिये जाने का प्रचलन है.