राजस्थान: इंसानी चेहरे के साथ जन्मी बकरी को भगवान का अवतार मान रहे हैं लोग, पढ़ें पूरा मामला
इंसानी चेहरे वाली बकरी (Photo Credits: YouTube)

हमारे देश में सामान्य से अलग और अनोखी दिखने वाली चीजों को लोग अक्सर भगवान का चमत्कार मान लेते हैं. इन दिनों राजस्थान (Rajasthan) में जन्मी एक बकरी सुर्खियां बटोर रही है. आखिर इस बकरी (Goat) के सुर्खियों में आने की वजह भी तो बेहद खास है. दरअसल, यह बकरी सामान्य बकरियों की तरह नहीं है, क्योंकि इसका चेहरा दूसरी बकरियों की तरह नहीं, बल्कि इंसानों की तरह दिखता है. जी हां, इंसानी चेहरे के साथ जन्मी इस बकरी (Mutant Goat Born With 'Human-Face') को लोग भगवान का अवतार (Avtar Of God) मान रहे हैं और उसकी पूजा भी कर रहे हैं. लोगों का मानना है कि इंसानी चेहरे के साथ बकरी का जन्म लेना किसी चमत्कार से कम नहीं है. बता दें कि इस बकरी का जन्म राजस्थान के निमोडिया (Nimodia) में हुआ है, जिसे भगवान का अवतार माना जा रहा है.

इस बकरी का जन्म इंसानों की तरह दिखने वाले चेहरे और बड़े आकार की आंखों के साथ हुआ है. उसका चेहरा और आंखे देखकर एक पल के लिए आपको भी यही लगेगा कि इसका चेहरा इंसानी और शरीर बकरी का है. दरअसल, मिरर डॉट यूके (Mirror.co.ukकी रिपोर्ट के अनुसार, यह बकरी साइक्लोपिया (Cyclopia) नामक जन्मजात दोष (Birth Defect) से पीड़ित है. ऐसा कहा जाता है कि करीब 16,000 जानवरों में से एक साइक्लोपिया के साथ पैदा होता है. यह दोष जानवरों के साथ-साथ इंसानों को भी प्रभावित करता है. यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश: विदिशा में महिला ने दो सिर और तीन हाथों वाले जुड़वा बच्चे को दिया जन्म

क्या है साइक्लोपिया?

साइक्लोपिया एक दुर्लभ जन्म दोष है, जो इंसानों और जानवरों दोनों को प्रभावित करता है. आमतौर पर ऐसा तब होता है जब मस्तिष्क का सामने वाला हिस्सा दाएं और बाएं गोलार्धों (hemispheres) में विभाजित नहीं होता है. साइक्लोपिया दोष होने पर प्राणी एक आंख या आंशिक रूप से विभाजित आंख और बिना नाक के पैदा होता है. साइक्लोपिया जन्म दोष के साथ पैदा होने वाले बच्चों या जानवरों के जीवित रहने की दर बहुत कम होती है. ज्यादातर बच्चे जन्म लेने के बाद कुछ घंटों तक ही जीवित रह पाते हैं.

यह स्थिति तब और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है जब बच्चा एक आंख के साथ पैदा होता है. साइक्लोपिया न सिर्फ बच्चे के बाहरी शारीरिक अंगों को प्रभावित करता है, बल्कि इसका गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है. इसे एलोबार होलोप्रोसेनफेली (alobar holoprosencephaly) के रूप में भी जाना जाता है, जो 100,000 नवजात शिशुओं में से किसी एक को होता है. यह जानवरों में दूसरे रूप में मौजूद है. हालांकि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. यह भी पढ़ें: ओडिशा: 20 पैर और 12 हाथ की उंगलियों के साथ जन्मी महिला को लोगों ने बताया चुड़ैल, घर में किया कैद

बहरहाल, इस जन्म दोष से अंजान निमोडिया के निवासी इंसानी चेहरे वाली बकरी को भगवान का अवतार मानकर उसकी पूजा कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में स्थित गंजबासोदा में दो सिर और तीन हाथ वाले एक शिशु का जन्म हुआ था. डॉक्टरों के मुताबिक, उस शिशु में सिर्फ एक ही दिल दिखाई दे रहा था, जबकि एक हाथ में दो हथेलियां नजर आ रही थी.

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ओडिशा के गंजम में एक महिला को महज इसलिए चुडैल करार दिया गया था, क्योंकि उसका जन्म पैर की 20 उंगलियों और हथेली की 12 उंगलियों के साथ हुआ था. नायक कुमार नाम की महिला ने को लोग चुड़ैल मानते हैं.