Penis Breaks During Sex: दुनिया का सबसे खतरनाक सेक्स पोजीशन (Dangerous Sex Position) आजमाते समय एक इंडोनेशियाई शख्स (Indonesian Man) का पेनिस (Penis) फ्रैक्चर हो गया, जिसके चलते उसे आपातकालीन सर्जरी करानी पड़ी, जिससे उसका पेनिस बैंगन की तरह हो गया. इस घटना का विवरण देने वाला एक अध्ययन हाल ही में जर्नल यूरोलॉजी केस रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुआ था. बताया जाता है कि यह घटना उस वक्त घटी जब एक 37 वर्षीय पुरुष कथित तौर पर रिवर्स काउगर्ल पोजीशन (Reverse Cowgirl) में सेक्स (Sex) कर रहा था. टिकटॉक डॉक्टर करण राज के अनुसार, यह दुनिया का सबसे खतरनाक प्लेजर पोज है, जो 50 फीसदी फ्रैक्चर के लिए जिम्मेदार है. इस सेक्स पोजीशन के दौरान शख्स को अचानक दर्द, बेचैनी और तत्काल स्तंभन का नुकसान हुआ.
इसके बाद शख्स के पेनिस के टॉप से खून निकलने लगा और उसने खुद को पेशाब करने में असमर्थ पाया. आनन-फानन में शख्स पश्चिम नुसा तेंगारा प्रांत के जनरल अस्पताल पहुंचा. अस्पताल पहुंचने तक उसका प्राइवेट पार्ट बुरी तरह से सूज गया था और गहरे बैंगनी रगं का हो गया था, जिसे मेडिकल भाषा में एगप्लांट डिफॉर्मिटी कहा जाता है. लिंग तकनीकि रूप से हड्डी रहित होता है, लेकिन एक टिश्यू की मदद से लिंग सीधा और बड़ा होता है.
अस्पताल पहुंचने के बाद जब डॉक्टरों ने जांच की तो पाया कि शख्स के पेनिस में एक चौड़ा और गहरा फ्रैक्चर था, जबकि शिश्न के ऊतक भी फट गए थे. पेनिस में रक्त वाहिका की दीवार पर चोट के कारण आसपास के ऊतकों में रक्त का रिसाव हो गया था. अध्ययन लेखकों ने कहा कि इस तरह के फालिक फ्रैक्चर तब होते हैं जब जोरदार यौन क्रिया के दौरान "पेरिनेम या प्यूबिक बोन" से टकराने के बाद इरेक्ट पेनिस झुक जाता है. यह भी पढ़ें: Bizarre Penis & Testicle Facts: क्या आप जानते हैं पुरुषों के पेनिस और टेस्टिकल्स से जुड़ी ये दिलचस्प बातें
उन्होंने बताया कि रिवर्स काउगर्ल एक विशेष रूप से जोखिम भरा सेक्स पोजीशन है, इस दौरान पुरुष का लिंग फिसल सकता है और उसके साथी के प्यूबिक बोन से कुचला जा सकता है. हालांकि अध्ययन के अनुसार, यह हस्तमैथुन और यहां तक कि बिस्तर पर एक अजीब कोण पर करवट लेने के कारण भी हो सकता है.
हालांकि यहां राहत की बात तो यह है कि सर्जन पीड़ित शख्स के खंडित अंग की मरम्मत करने में कामयाब रहे. सर्जरी के बाद उन्होंने उसके मूत्रमार्ग में टांके लगाए और घाव पर पट्टी बांध दी, फिर उन्होंने यह निर्धारित करने के लिए आर्टिफिशियल इरेक्शन टेस्ट किया कि कोई रिसाव या असामान्य लिंग की वक्रता तो नहीं है. डॉक्टरों ने बाद में एक कैथेटर यानी मूत्र परिसंचरण की सुविधा के लिए मूत्राशय में ट्यूब डाला और फिर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी.