केन्या: भूख से तड़प रहे थे महिला के 8 बच्चे, नहीं मिला अन्न तो पत्थरों को लगी उबालने, कोरोना वायरस महामारी के बीच विधवा मां की यह कहानी है दिल दहलाने वाली
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

चीन (China) के वुहान (Wuhan) से फैले नोवेल कोरोना वायरस (Novel Coronavirus) के प्रकोप ने दुनिया के करीब 200 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. इस महामारी से निपटने के लिए तमाम कोरोना प्रभावित देशों ने लॉकडाउन (Lockdown) का रास्ता अपनाया है. इस महामारी के खतरे से बचने के लिए समय-समय पर विश्व स्तर पर स्वास्थ्य और सरकारी अधिकारियों द्वारा महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं. हालांकि पूर्ण लॉकडाउन के चलते अधिकांश गरीबों की रोजी-रोटी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. मजदूर और गरीब वर्ग के लोगों के सामने दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने की चुनौती कोरोना वायरस संकट से बड़ी हो गई है. खासकर दिहाड़ी मजदूरों की हालत कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते बद से बदतर हो गई है. कोरोना वायरस महामारी के बीच केन्या से बेबसी और लाचारी की एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है.

केन्या (Kenya) के मोम्बासा (Mombasa) शहर में रहने वाली कित्सो (Kitsao) नाम की एक महिला दाने-दाने के लिए इस कदर मोहताज हो गई कि अन्न न मिलने पर वह पत्थर उबालने (Cooking Stones) लगी, ताकि उसके 8 भूखे बच्चों को यह विश्वास हो सके कि उनकी मां उनके लिए खाना बना रही है. कोरोना वायरस महामारी के बीच अन्न न मिलने पर पत्थरों को उबालती इस बेबस विधवा महिला की दुर्दशा वाकई दिल दहला देने वाली है.

बीबीसी के अनुसार, एक गिरोह ने कित्सो नामक इस महिला के पति की हत्या कर दी थी, जिसके बाद वो अपने 8 बच्चों का पेट पालने के लिए स्थानीय स्तर पर कपड़े धोने का काम करती थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण उसका काम पूरी तरह से ठप हो गया है. उनके पड़ोसी प्रिस्का मोमान्यी (Prisca Momanyi) ने मीडिया को उसकी हालत के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद एनटीवी केन्या ने कित्सो का इंटरव्यू लिया. इंटरव्यू में केन्याई महिला ने बताया कि वो अपने 8 बच्चों के साथ बिना पानी और बिजली के दो बेडरूम वाले घर में रहती है.

उसका कहना है कि उसके बच्चे भूख से रो रहे थे और अन्न का एक दाना नहीं था, मजबूरन उसे पत्थर पकाना पड़ा, ताकि बच्चों को यह विश्वास दिला सके कि वो उनके लिए खाना पका रही है. हालांकि महिला का यह भी कहना है कि उसके बच्चे जानते थे कि उनकी मां झूठ बोल रही है, लेकिन वो बेबस थी और कुछ नहीं कर सकती थी. भूख से रोते-बिलखते बच्चों की आवाज सुनकर उसके पड़ोसी उसके पास पहुंचे. यह भी पढ़ें: क्या कीटाणुनाशक इंजेक्ट करने से कोरोना वायरस खत्म हो जाता है? क्या मक्खियों से फैल सकता है COVID-19? WHO ने ट्वीट में कई अफवाहों पर लगाया विराम

उसकी दुर्दशा की यह कहानी जब केन्यायी लोगों तक पहुंची तो कित्सो के बैंक खाते में मोबाइल फोन के जरिए आर्थिक सहायता प्रदान की गई. इस बैंक खाते को मोमान्यी ने कीत्सो के लिए खुलवाया था. तुको न्यूज वेबसाइट के अनुसार, महिला को पढ़ना-लिखना नहीं आता है, लेकिन जब उसका दुर्दशा के बारे में लोगों को पता चला तो देशभर से लोग उसे फोन करने लगे और उसे मदद देने की पेशकश करने लगे.

गौरतलब है कि केन्या की सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में लोगों तक खाने की सामग्री पहुंचाने का कार्यक्रम भी शुरू किया है, लेकिन अभी तक कित्सो तक सरकारी मदद नहीं पहुंच पाई है. काउंटी अधिकारी और केन्या रेड क्रॉस भी कित्सो की मदद के लिए आगे आए हैं. केन्या में कोरोना वायरस महामारी के लेटेस्ट आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां अब तक कोरोना वायरस के 411 मामलों की पुष्टि हुई है, जबकि 21 लोगों की मौत हो चुकी है.