Subway असली Tuna मछली बेच रहा है या नकली? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
सबवे (Photo Credits: Twitter/@ajplus)

सबवे (Subway) असली ट्यूना मछली (Tuna Fish) बेच रहा है या फिर नकली, इसे लेकर जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि इस साल जनवरी में सबवे के खिलाफ एक क्लास एक्शन मुकदमा दायर किए जाने के बाद आरोप लगाया गया कि सबवे द्वारा बेची जाने वाली टूना फिश नकली थी. इस आरोप की सच्चाई का पता लगाने के लिए द न्यूयॉर्क टाइम्स (The New York Times) ने जांच शुरु की. लेख में पत्रकार जूलिया कार्मेल (Julia Carmel) ने लिखा है कि उन्होंने कमर्शियल लैब का उपयोग किया जो कैलिफोर्निया सबवे के विभिन्न सैंडविच (Sandwich) से ट्यूना (Tuna) के नमून का परीक्षण कर सकती थी. कार्मेल ने एक प्रयोगशाला के प्रवक्ता से फोन पर बात की जो फिश टेस्टिंग (Fish Testing) में विशिष्ट हैं.

कार्मेल के अनुसार, शख्स ट्यूना फिश का परीक्षण करने के लिए तैयार हो गया, लेकिन उसने इस लेख में प्रयोगशाला का नाम छुपाने की अपील की, क्योंकि वह अमेरिका की सबसे बड़ी सैंडविच चैन के साथ सीधा काम करने के किसी भी अवसर को खतरे में नहीं डालना चाहता था. कार्मेल ने बताया कि $500 में उनकी प्रयोगशाला एक पीसीआर टेस्ट करेगी, जो एक विशिष्ट डीएनए सैंपल की प्रतियां बनाएगी और यह परीक्षण दिखाएगा कि क्या सबवे के ट्यूना में पांच अलग-अलग ट्यूना प्रजातियों में से एक शामिल है? हालांकि जांच में ट्यूना मछली नहीं मिली. दरअसल, लैब ने कार्मेल को बताया की जांच के दो निष्कर्ष निकले. पहला या तो मांस को बहुत अधिक प्रोसेस्ड किया गया था या फिर उसमें कोई ट्यूना डीएनए ही नहीं था. यह भी पढ़ें: Fact Check: क्या वुहान की प्रयोगशाला से भाग निकले वियाग्रा वाली वैक्सीन लगे हजारों मच्छर? जानें वायरल खबर की सच्चाई

द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, क्लास-एक्शन मुकदमा कैलिफोर्निया के उत्तरी जिले के लिए यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दायर किया गया. आरोप लगाया गया कि कैलिफोर्निया में सबवे स्थान से लिए गए कई नमूनों के स्वतंत्र प्रयोगशाला परीक्षणों के आधार पर ट्यूना एक मिश्रण है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दो शिकायतकर्ता करेन धनोवा (Karen Dhanowa) और नीलिमा अमीन (Nilima Amin) ने धोखाधड़ी, जानबूझकर गलत बयानी, अन्यायपूर्ण संवर्धन और अन्य दावों के लिए सबवे पर मुकदमा दायर किया. धनोवा और अमीन ने तर्क दिया कि उनसे उन खाद्य पदार्थों को खरीदने के लिए छल किया गया था, जिनमें उन सामग्रियों की पूरी तरह से कमी थी, जिसे सोचकर उन्होंने खरीदा था.