पुणे, 3 फरवरी: पुणे विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर और पांच छात्रों को कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि ये गिरफ्तारियां शुक्रवार शाम को परिसर में आयोजित एक रामलीला नाटक के मंचन के बाद की गई हैं, जिसमें कथित रूप से आपत्तिजनक संवाद और दृश्य थे.
आरोप है कि रामलीला में माता सीता को को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के पदाधिकारियों और पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केंद्र के छात्रों के बीच नाटक को लेकर कहासुनी हो गई थी.
ललित कला केंद्र द्वारा आयोजित इस नाटक में रामलीला में विभिन्न भूमिकाएं निभाने वाले कलाकारों के मंच के पीछे की हंसी-मजाक को दिखाया गया था.
पुलिस निरीक्षक अंकुश चिंतामन ने बताया कि एबीवीपी पदाधिकारी हर्षवर्धन हरपुड़े की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (ए) (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादा) और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.
In a play staged at Savitribai Phule Pune University (SPPU), Mata Sita is being shown smoking a cigarette and Prabhu Shri Ram ji is assisting her in lighting it.
Requesting @CPPuneCity @DGPMaharashtra @PuneCityPolice to register a case under 295A and take strict action against… pic.twitter.com/QRjOnD4i9R
— Randomsena (@randomsena) February 3, 2024
उन्होंने बताया कि पुलिस ने ललित कला केंद्र के विभाग प्रमुख डॉ प्रवीण भोले और छात्रों भावेश पाटिल, जय पेडणेकर, प्रतामेश सावंत, ऋषिकेश दलवी और यश चिखले को गिरफ्तार कर लिया है.
प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के अनुसार, नाटक में सीता का किरदार निभाने वाले एक पुरुष कलाकार को सिगरेट पीते और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए दिखाया गया था. एफआईआर में कहा गया है कि जब एबीवीपी के सदस्यों ने नाटक पर आपत्ति जताई और प्रदर्शन को रोका, तो कलाकारों ने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और उनके साथ मारपीट की.