गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए DRDO ने बनाया भारतीय Menu, मिलेगा एग रोल, इडली और हलवा, सोशल मीडिया पर यूजर्स ने दी ऐसी प्रतिक्रियाएं
DRDO का मेन्यू (Photo Credit- ANI)

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization - ISRO) का गगनयान (Gaganyaan) मिशन दिसंबर 2021 में लॉन्च किया जाएगा. इसके लिए इसरो ने देशभर से चार लोगों का चुनाव किया है. ये एस्ट्रोनॉट्स अब ट्रेनिंग के लिए रूस जाएंगे. अक्सर लोगों के मन सवाल आता है कि ये अंतरिक्षयात्री अंतरिक्ष में रहेंगे तो खाएंगे क्या? पीएंगे क्या? इसका जवाब हम आपको बताते हैं. आखिर अंतरिक्षयात्रियों के खाने के मेन्यू में क्या क्या है? 2022 में अंतरिक्ष की यात्रा पर जाने वाले गगनयान मिशन के अंतरिक्षयात्रियों के लिए डीआरडीओ (DRDO) ने विशेष खाना की लिस्ट तैयार की है. यह खाना डीआरडीओ की मैसुर प्रयोगशाला में तैयार किया गया है.

DRDO खाने में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एग रोल, वेज रोल, इडली, मूंग दाल हलवा और वेज पुलाव है. अतंरिक्षयात्रियों को खाना गर्म करने के लिए फूड हीटर्स भी दिए जाएंगे. इसके अलावा अंतरिक्षयात्रियों को पीने के लिए पानी और जूस दिया जाएगा. DRDO ने इन सभी सामान्य खानों को जीरो ग्रेविटी में खाने के लिए तैयार किया है, ताकि अंतरिक्ष यात्रियों को खाने में किसी तरह की परेशानी न हो.

गगनयान फूड मेन्यू पर ANI का ट्वीट-

यह भी पढ़ें- ISRO ने अंतरिक्ष में फिर रचा इतिहास, निगरानी उपग्रह RISAT-2BR1 को किया लॉन्च.

अतंरिक्ष में ग्रेविटी नहीं होती है इसलिए गगनयान अभियान में जाने वालों के लिए ऐसे विशेष कंटेनर बनाए गए हैं जिनमें वे ये सब लेकर जा सकें. ISRO चीफ के सिवन ने बताया था कि मिशन गगनयान के लिए 4 अंतरिक्ष यात्रियों का चुनाव हो चुका है और चारो अंतरिक्ष यात्री भारतीय वायुसेना के सदस्य हैं. ISRO चीफ ने बताया था कि चारों अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग जनवरी के तीसरे सप्ताह से शुरू हो जाएगी.

ट्वीटर पर यूजर्स की प्रतिक्रियाएं

सस्ता पेपर बोट-

MDH वाले चाचा-

मैगी और बड़ा पाव भी-

नारियल चटनी-

बिरयानी कहां है?

खमण, ढोकला-थेपला

नो समोसा, नो कचौरी

गगनयान मानव को अंतरिक्ष में ले जाने का भारत का पहला अभियान है. के सिवन ने बताया, 'गगनयान के लिए डिजाइन का बहुत सारा काम पूरा कर लिया गया है. इस साल गगनयान के कई सारे टेस्ट होंगे.' उन्होंने यह भी बताया कि 'गगनयान की पहली मानवरहित उड़ान को भी इस वर्ष के लिए लक्षित किया गया है. गगनयान मिशन के तहत ISRO चार अंतरिक्षयात्रियों को चुना है. ये अतंरिक्षयात्री सात दिन तक पृथ्वी की लो-ऑर्बिट में चक्कर लगाएंगे.