दुनिया भर में चल रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के बीच अफवाहों का बाजार गर्म हैं. सोशल मीडिया पर यूजर्स कई फेक खबरें शेयर कर रहे हैं. इस बीच ट्विटर पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है. वायरल खबर में दावा किया गया है कि न्यूयॉर्क (New York) के शवदाह गृह (Funeral Home) में एक व्यक्ति को झपकी की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है. यहां एक कर्मचारी ने अपने एक सहकर्मी का दुर्घटनावश अंतिम संस्कार कर दिया जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई. हालांकि, इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है. यह एक फेक न्यूज है जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.
ट्वीटर पर यूजर्स Weekly Inquirer का एक न्यूज पोस्ट शेयर कर रहे हैं. जिसमें लिखा गया है, 48 वर्षीय माइकल जोंस ने 16 घंटों तक लगातार काम करने के बाद झपकी लेने का फैसला किया. माइकल कुछ देर आराम करने के लिए लेटे और उनकी आंख लग गई तो एक अन्य कर्मचारी ने उनको गलती से कोरोना मरीज की लाश समझ लिया और उसे श्मशान के दाह संस्कार केंद्र तक ले गया.
इससे पहले कि कोई इस गलती को नोटिस करता साथी कर्मी ने सो रहे माइकल को पहले से 1400 से 1800 डिग्री फेरनहीट तापमान वाले दाह संस्कार बाक्स में धकेल दिया जिससे जिंदा माइकल का शरीर पलक झपकते ही राख में तबदील हो गया. यह भी पढ़ें- Fact Check: क्या 10 सेकंड तक सांस रोकने वाले कोरोना के शिकार नहीं? जानें वायरल मैसेज की सच्चाई.
इस खबर को यूजर्स ट्वीटर पर तेजी से शेयर कर रहे हैं और उस व्यक्ति के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं. हालांकि इसमें यूजर्स की कोई गलती नहीं है. बताना चाहेंगे कि इसी तरह का एक न्यूज पोस्ट साल 2017 में भी वायरल हुआ था.
फैक्ट-चेकिंग साइट Snopes ने एक ऐसी ही कहानी पर एक फैक्ट चेक किया है जो 1 मार्च, 2017 को वर्ल्ड न्यूज डेली रिपोर्ट द्वारा प्रकाशित की गई थी. दिसंबर 2017 में एबीसी न्यूज (abcnews-us.com) ने भी इस कहानी को पब्लिश किया.
एक अन्य फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट सीएफएन के अनुसार, यह खबर एक फर्जी है जिसे बार-बार इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने एक और उदाहरण पोस्ट किया है जहां एक ही कहानी को विभिन्न स्थानों और नामों के साथ बदल दिया गया है. हम अपने पाठकों से अनुरोध करेंगे कि इस तरह के फेक न्यूज आर्टिकल्स ना पढ़ें. बिना किसी ठोस जांच के सोशल मीडिया के पोस्ट्स पर विश्वास न करें.
Fact check
न्यूयॉर्क के शवदाह गृह में एक कर्मचारी ने अपने सहकर्मी को मृत समझकर जिंदा जला दिया.
यह एक फेक खबर है. वास्तविकता में ऐसा कुछ नहीं हुआ है.