देशभर में कोरोना की दूसरी लहर का महाप्रकोप जारी है. महामारी की बेकाबू र फ्तार ने सरकार के साथ ही आम जनता की चिंता बढ़ा दी है. इस बीच सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है. वायरल खबर में दावा किया जा रहा है कि शहद, अदरक और काली मिर्च से कोरोना का इलाज किया जा सकता है. मैसेज में दावा किया गया है कि पुडुचेरी यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने शहद, अदरक और काली मिर्च से कोरोना का इलाज खोज लिया है और WHO द्वारा भी इसे स्वीकृति दी गई है. सोशल मीडिया पर यह पोस्ट वायरल हो रहा है. Fake News की कैसे करें पहचान? COVID-19 महामारी के दौरान गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए रखें इन बातों का ख्याल.
क्या है वायरल मैसेज?
भारतीय छात्र ने ढूंढा कोरोना संक्रमण का घरेलू इलाज WHO ने पहली बार में दी स्वीकृति. वायरल खबर में लिखा गया है कि पुडुचेरी यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने COVID-19 का घरेलू उपचार ढूंढ लिया है व WHO द्वारा भी इसे स्वीकृति दी गई है.
PIB का ट्वीट
एक #फ़र्ज़ी खबर में दावा किया जा रहा है कि पांडिचेरी विश्वविद्यालय के एक छात्र ने #COVID19 का घरेलू उपचार ढूंढ लिया है व @WHO द्वारा भी इसे स्वीकृति दी गई है।
ऐसे भ्रामक संदेश साझा न करें। #कोविड19 से जुड़ी सही जानकारी हेतु आधिकारिक सूत्रों पर ही विश्वास करें। pic.twitter.com/Utepz7OYps
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 25, 2021
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (PIB) के फैक्ट चेक हैंडल ने इन दावों को खारिज करते हुए इसे फर्जी खबर कहा. "यह फेक न्यूज है. ऐसे भ्रामक संदेश साझा न करें. कोविड19 से जुड़ी सही जानकारी हेतु आधिकारिक सूत्रों पर ही विश्वास करें." यह खबर फर्जी है डब्ल्यूएचओ ने COVID-19 के लिए इस तरह के किसी भी इलाज को मंजूरी नहीं दी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नाम पर फेक न्यूज फैलाई जा रही है. हम आपसे अपील करते हैं कि कोरोना संक्रमित होने पर डॉक्टर्स की सलाह लें. किसी तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें.
Fact check
पुडुचेरी यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने COVID-19 का घरेलू उपचार ढूंढ लिया है व WHO द्वारा भी इसे स्वीकृति दी गई है.
यह फेक न्यूज है. WHO ने COVID-19 के लिए इस तरह के किसी भी इलाज को मंजूरी नहीं दी है.