1993 में इथियोपिया ( Ethiopia) से आधिकारिक रूप से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से यह राष्ट्रपति इसैस अफ्वर्की (Isaias Afwerki) द्वारा शासित एक-दलीय राज्य रहा है. सरकार ने विपक्षी दलों और स्थानीय प्राइवेट मीडिया, जेल में बंद आलोचकों पर प्रतिबंध लगा दिया है और युवा लोगों पर सैन्य प्रतिबंध लगाया है. इस कड़े प्रतिबन्ध के कारण हजारों इरीट्रियाओं (Eritrea) को देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिनमें से कुछ की सहारा रेगिस्तान और भूमध्य सागर के रास्ते यूरोप जानें के दौरान मौत हो जाती है. एक जर्नलिस्ट इस देश का जायजा लेने यहां पहुंचे और कई हैरान कर देनवाली बातों का खुलासा किया.
फोन की बहुत ही खराब सुविधा:
Eritrea में फ़ोन की अच्छी सुविधा नहीं है, यहां राज्य के स्वामित्व वाली एरीटेल (Eritel) दूरसंचार सेवाओं की एकमात्र प्रदाता है. इसकी सेवा बहुत ही खराब है और इसे सरकार कंट्रोल करके रखती है. इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन की एक रिपोर्ट के अनुसार इरीट्रिया में इंटरनेट की पहुंच सिर्फ 1% है.
सिमकार्ड पाना बहुत मुश्किल है:
सिम कार्ड इरिट्रिया में सोने की तरह हैं. एक सिमकार्ड लेने के लिए यहां के नागरिकों को स्थानीय सरकार प्रशासन को आवेदन करना होता है. और यहां तक कि अगर आपको सिम कार्ड मिलता है, तो आप इसका उपयोग इंटरनेट के लिए नहीं कर सकते क्योंकि यहां मोबाइल डेटा नहीं चलता है. यहां के लोग केवल वाईफाई के माध्यम से इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन यह भी बहुत धीमा है. फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइटों पर जाने के लिए, लोग सरकारी सेंसरशिप को दरकिनार करने के लिए एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का उपयोग करते हैं.
पीसीओ का इस्तेमाल ज्यादा होता है:
सिम कार्ड प्राप्त करने में भारी कठिनाई के कारण, लोग अभी भी कॉल करने के लिए सार्वजनिक पीसीओ का इस्तेमाल करते हैं. यहां आनेवाले यात्रियों के टीम को सिर्फ एक सिमकार्ड मिलता है और देश छोड़ने के बाद वापस लौटाना पड़ता है.
नहीं है एटीम, सिर्फ बैंक से निकाल सकते हैं पैसे:
यहां की सरकार ने पैसे जमा करने वालों के पैसों पर अपना प्रतिबंध लगा रखा है. भले ही डिपाजिटर के खाते में लाखों इरिट्रिया करेंसी हो, वे केवल एक महीने में 5,000 ($ 330) ही निकाल सकते हैं. शादियों के मौके पर बैन्क से ज्यादा पैसे निकालने के लिए आवेदन देना पड़ता है. यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार कोई महंगी और बड़ी वस्तु लेने के लिए उन्हें हर महीने कई किश्तों में पैसे निकालकर जमा करना पड़ता है, उसके बाद ही वो उस वस्तु को खरीद पाते हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कि गवर्नमेंट चाहती है कि हम जितनी राशि कमाएं बैन्क में जमा कर दें, लेकिन यहां के व्यापारी अपने पास कैश रखना ही अच्छा समझते हैं.
आसानी से नहीं मिलता पासपोर्ट:
यहां का कड़े कानून की वजह से लोग ये देश छोड़कर जाना चाहते हैं, उनके लिए पासपोर्ट प्राप्त करना सपने के सच होने जैसा है, 'लेकिन यहां युवाओं को तब तक पासपोर्ट नहीं दिया जाता है जब तक वे अपनी राष्ट्रीय सेवा पूरी नहीं कर लेते हैं. जिसमें सैन्य प्रशिक्षण शामिल है और उनके स्थानीय सरकारी प्रशासन के कार्यालयों से उनके आवेदन के समर्थन में एक पत्र मिलता है.
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पासपोर्ट प्राप्त करने के बाद भी यहां के युवा देश से बाहर नहीं जा सकते हैं - उन्हें एक्जिट वीजा की आवश्यकता होती है और ये आसानी से नहीं मिलता क्योंकि सरकार को डर होता है कि वो वापस नहीं आएंगे. इसलिए कई युवा इथियोपिया और सूडान में बसने के लिए बॉर्डर पार कर इरिट्रिया अवैध रूप से छोड़ देते हैं.