कैंसर से महिला की काटनी पड़ी जीभ, डॉक्टर्स ने बांह की स्किन से बनाई नई
प्रतीकात्मक तस्वीर, (फोटो क्रेडिट्स: Pixabay)

ब्रिटेन की एक 36 वर्षीय महिला की जीभ में कैंसर होने की वजह से उसे अपनी जीभ खोनी पड़ी. कैंसर संक्रमित जीभ निकाली जाने के बाद, उनके बांह के स्किन की नई जीभ बनाई गई. बकिंघमशायर (Buckinghamshire) के आयल्सबरी (Aylesbury in) की रहने वाली स्टेफ़नी विगल्सवर्थ (Stephanie Wigglesworth) के मुंह में छोटे-छोटे अल्सर (Small Ulcers ) थे और उनकी जीभ सुन्न होने लगी थी, जब टेस्ट किया गया तो पता चला कि उन्हें स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma) था. स्टेफ़नी का इलाज शुरू हुआ और छह से चार घंटे की सर्जरी के दौरान उसकी आधी जीभ निकालनी पड़ी. डॉक्टरों को स्टेफ़नी की तक पहुंचने के लिए उसकी गर्दन को कट करना पड़ा.

स्टेफ़नी ने अपनी जीभ खो दी थी, लेकिन उसे पाने की उम्मीद अब भी बाकी थी, डॉक्टरों ने उसकी बांह से कुछ स्किन, एक नस और थोड़ी मांसपेशी लेकर उसकी नई जीभ का निर्माण किया. हालांकि स्टेफ़नी स्ट्रॉ के माध्यम से खाना जारी है और उसकी नई जीभ को ठीक होने में थोड़ा टाइम लगेगा इसलिए वो अभी साफ़ नहीं बोल पा रही हैं, लेकिन फिलहाल वो पूरी तरह से कैंसर-मुक्त हैं.

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स्टेफनी ने बताया कि मेरी जिस बांह से स्किन निकाली गई है वो मेरी जीभ से ज्यादा दर्दनाक है. मेरे दोस्त और पारिवार वालों को पता है कि मैं एक पॉजिटिव इंसान हूं, लेकिन कैंसर एक ऐसा क्लब है जिसमें न चाहते हुए भी आपको शामिल होना पड़ता है. स्टेफनी ने कहा कि मैं अपनी पुरानी आवाज़ वापस चाहती हूं, लेकिन ऐसा हो नहीं सकता मुझे इस सच को स्वीकार करना होगा. 2013 में स्टेफनी के जीभ पर अल्सर की शुरुआत होने लगी, ठीक एक महीने बाद, उसकी जीभ पूरी तरह सुन्न हो गई, जिसके बाद स्टेफनी ने डॉक्टर के पास जाने का फैसला किया. टेस्ट के पहले दौर के बाद स्टेफ़नी को बताया गया कि वह एक प्रकार के ओएस स्ट्रोक (Os Stroke), ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक (Transient Ischemic Attack) से पीड़ित थी. लेकिन आगे के स्कैन से पता चला कि वह वास्तव में एक प्रकार के कैंसर से पीड़ित थी.

धूम्रपान करने वाली होने के नाते स्टेफ़नी कहती है कि उन्हें कठिन दौर से गुजरना पड़ा, इस दौरान उनके पति गैरी ने उनका बहुत सपोर्ट किया. "मैं धूम्रपान करने वाली थी, इसलिए मुझे लगता था कि मैं ये डिजर्व करती हूं. लेकिन अब मैं अपने बच्चों को याद करके जीना चाहती हूं.