किसी भी देश में ‘भाषा’ हृदय की अभिव्यक्ति के साथ ही संस्कृति और सभ्यता की वाहक मानी जाती है. जहां तक हिंदी भाषा की बात है तो आज हिंदी अंदरूनी चुनौतियों से जूझते हुए महज राजभाषा ही नहीं, बल्कि विश्व-भाषा भी बन चुकी है. इसमें अन्य भाषाओं को आत्मसात करने की क्षमता है. यह हिंदी की सबसे बड़ी पहचान है. प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी के दिन विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन दुनिया भर में हिंदी भाषा के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है और इसकी उपयोगिता और महत्ता को दुनिया के सामने रखा जाता है. आज बात करेंगे विश्व हिंदी दिवस के महत्व, इतिहास एवं विश्व भर में हिंदी की उपयोगिता एवं महत्ता के बारे में साथ ही यह भी आखिर हिंदी दिवस मनाने के बावजूद विश्व हिंदी दिवस मनाने की सार्थकता क्या है.
विश्व में हिंदी भाषा का बढ़ता वर्चस्व
दुनिया भर में हिंदी के प्रयोग और महत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विश्व भर में बोली जाने वाली तमाम भाषाओं में हिंदी तीसरे नंबर की भाषा मानी गई है. इसमें अंग्रेजी (1.12 अरब) पहले, चीन की मेंडरिन (1.10 अरब) दूसरे और हिंदी (70 करोड़) तीसरे के बाद अन्य भाषाओं का नंबर आता है. आज फिजी, मॉरिशस, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, टोबैगो एवं संयुक्त अरब अमीरात में भारी तादाद हिंदी भाषा-भाषाइयों की है. वर्तमान में अमेरिका में 32, जर्मनी के 15 और ब्रिटेन की लंदन यूनिवर्सिटी, कैंब्रिज और यॉर्क यूनिवर्सिटी एवं तमाम शिक्षण संस्थाओं में हिंदी पढ़ाई जाती है. हिंदी भाषा के बढ़ते महत्व एवं दुनिया भर में व्यासायिक एवं सैन्य रूप में चौथी शक्ति के रूप में उभरते भारत को देखते हुए अब अधिकांश अप्रवासी भारतीय भी अपनी अगली पीढ़ी को हिंदी एवं हिंदुस्तानी संस्कृतियों से जोड़ने के लिए प्रेरित करने लगे हैं,
सोशल मीडिया पर हिंदी!
हिंदी के बढ़ते वर्चस्व एवं महत्व को देखते हुए अब दुनिया भर की वेबसाइटों पर हिंदी को प्रमुखता दी जा रही है. ईमेल, ईकॉमर्स, ईबुक, इंटरनेट, एसएमएस एवं वेबसाइटों की दुनिया में हिंदी को आसानी से देखा जा सकता है. माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, आइबीएम तथा ओरेकल जैसी कंपनियां हिंदीभाषाइयों के प्रयोग और बाजार में मुनाफे को देखते हुए हिंदी के प्रयोग को बढावा दे रही हैं.
हिंदी की वैश्विक पहुंच!
आज वैश्विक फलक पर हिंदी एक संपर्क, प्रचार, और प्रिय भाषा के साथ-साथ वैश्विक भाषा के रूप में भी स्थापित हो चुकी है. भारत के बाहर दुनिया भर में 35 से अधिक पत्र-पत्रिकाएं नियमित रूप से हिंदी में प्रकाशित हो रही हैं. संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) के ‘हम एफ-एम’ सहित अनेक देश हिंदी कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं, जिनमें बीबीसी, जर्मनी के डायचे वेले, जापान के एनएचके वर्ल्ड और चीन के चाइना रेडियो इंटरनेशनल की हिंदी सेवा विशेष रूप अपनी धाक जमाने में सफल हो रही हैं.
विश्व हिंदी दिवस का इतिहास!
दुनिया भर में हिंदी का विकास करने एवं अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से विश्व हिंदी सम्मेलनों की शुरुआत की गई. पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था. इसके बाद देश के बाहर 11 अन्य हिंदी सम्मेलन (मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो, यूनाइटेड किंगडम, सूरीनाम, अमेरिका आदि) में आयोजित किए गए. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हिंदी के लिए 10 जनवरी की तारीख के अहमियत को समझते हुए इसी दिन विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की. 10 जनवरी, 2006 को, भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत के बाहर पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया. इसके बाद से प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. यह भी पढ़ें : Guru Gobind Singh Jayanti 2022 Messages: गुरु गोबिंद सिंह जयंती की लख-लख बधाइयां, अपनों संग शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Wishes, Facebook Greetings और HD Images
विश्व हिंदी दिवस का मकसद!
विश्व हिंदी दिवस मनाने का मुख्य मकसद था, दुनिया भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना, हिंदी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना, इसके अनुरूप वातावरण निर्मित कर हिंदी के प्रति अनुराग पैदा करना. यह ठीक है कि हिंदी भाषा दुनिया भर में अपनी धाक बनाने में सफल रही है. लेकिन त्रासदी यह है कि हिंदुस्तान की आजादी के 75 साल बाद भी यह अपने ही देश में राष्ट्रभाषा के रूप में जगह नहीं बना सकी है.