World Emoji Day 2019: क्या 'इमोजी' का प्रचलन लेखन की भाषा को खत्म कर देगा? जानें क्यों लोकप्रिय है ये
World Emoji Day 2019, (फोटो क्रेडिट्स: फाइल फोटो)

17 जुलाई को सारी दुनिया में ‘विश्व इमोजी दिवस’ मनाया जा रहा है, इसकी तैयारियां सारी दुनिया में एक सप्ताह पहले से ही शुरू हो गई थीं. दरअसल 17 जुलाई को आस्ट्रेलिया के जेरिमी बर्ज ने इमोजी पीडिया की शुरुआत की थी. इसके बाद से ही इस दिवस को विश्व इमोजी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. भारत में ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में किशोर और युवावर्ग से लेकर वृद्ध वर्ग तक अपने स्मार्टफोन पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए इमोजी का इस्तेमाल कर रहे हैं.

क्या है इमोजी

सोशल मीडिया ने पिछले थोड़े ही अर्सा में मीडिया जगत में भारी क्रांति लाई है. करोड़ों लोगों का रुझान इस ओर बढ़ा है. इसी का एक पहलू है इमोजी. इमोजी वस्तुतः पिक्टोग्राफ होते हैं. यह जापानी भाषा के शब्द ‘इ’ अर्थात पिक्चर और ‘मोजी’ अर्थात पात्र से मिलकर बना है.जिसे लोग अपने स्मार्ट फोन पर मैसेज बॉक्स के जरिए भेजकर अपनी संवेदना का प्रदर्शन करते हैं. सोशल मीडिया पर इन दिनों इमोजी का काफी इस्तेमाल हो रहा है. आज हर उम्र और हर वर्ग के लोग अपने स्मार्ट फोन के फेसबुक पर अपनी भावनाओं को इमोजी के जरिए व्यक्त कर रहे हैं. जहां तक भारत की बात है तो फेसबुक पर बर्थ डे केक वाला इमोजी बहुतायत इस्तेमाल किया जाता है, वहीं ट्विटर पर मुस्कुराता हुआ इमोजी देखा जा सकता है. जबकि इमोजी का वो चेहरा जिसमें खुशी के आंसू दिखाई देते हैं, का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इमोजी की बढ़ती लोकप्रियता की मुख्य वजह यही है कि हम बिना किसी शब्द का इस्तेमाल किए एक इमोजी पर क्लिक कर अपने दिल की बाद व्यक्त कर देते हैं. इसकी लोकप्रियता का आलम यह है कि 17 जुलाई को विश्व इमोजी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है और भारी संख्या में लोग इस दिवस में शरीक होने लगे हैं.

यह भी पढ़ें: स्मॉल पेनिस इमोजी 'और' पीरियड इमोजी ': 2019 में 230 नए इमोजीस करेंगे डेब्यू, इंटरनेट पर लोगों को करेंगे रोमांचित

कब हुई इमोजी की शुरूआत

पहला इमोजी सन 1998 या 99 में जापानी टेलीकॉम कम्पनी एनटीटी डोकोमो के कर्मचारी शिगेताका कुरीता ने बनाया. वह इस कम्पनी के आई-मोड मोबाइल इंटरनेट प्लेटफॉर्म की टीम के सदस्य थे. वह न डिज़ाइनर थे, न ही कम्प्यूटर इंजीनियर. उनके चित्र काफी सरल थे. उनके द्वारा इस्तेमाल इमोजी ‘दिल’ की शक्ल का था. उन दिनों सोशल मीडिया की दुनिया में पेजर सबसे लोकप्रिय माध्यम बना हुआ था. लोग इमोजी का इस्तेमाल पेजर पर मैसेज के साथ करते थे.

तकनीकी तौर पर इसकी शुरुआत 2014 में उस वक्त हुई थी जब जेरेमी बर्ज ने इमोजी के लिए इमोजीपीडिया शुरू किया था. 14 जुलाई 1984 को आस्ट्रेलिया में पैदा हुए जेरेमी बर्ग इमोजी पर आधारित सर्च इंजन इमोजी पीडिया पर काम कर रहे हैं. जेरेमी बर्ज इमोजी इतिहासकार हैं. जेरेमी बर्ग यूनिकोड कमेटी के सदस्य हैं. उनके मुताबिक हर साल सैकड़ों की तादाद में नई इमोजी के लिए आवेदन पत्र मिलते हैं.

क्यों लोकप्रिय हैं इमोजी?

एक अनुमान के अनुसार करीब 47 करोड़ इमोजी अकेले ट्विटर संदेशों के साथ साइबर आकाश में हर वक्त प्रसारित होते रहते हैं. जुलाई 2013 से शुरू हुई वैबसाइट इमोजी ट्रैकर ने अब तक ट्विटर पर 10.1 अरब इमोजी दर्ज किए हैं. फेसबुक और ईमेल में भी यही स्थिति है. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की कम्प्यूटर लैब का निष्कर्ष है कि इमोजी का इस्तेमाल करने वाले ट्वीट लोकप्रिय भी होते हैं. फेसबुक पर कमेंट के साथ या केवल कमेंट के रूप में आप इनका इस्तेमाल देख सकते हैं. अब लोग इमोजी पर ही पूरा संदेश लिखने लगे हैं, वह भी बिना किसी औपचारिक भाषा का प्रयोग किए.

क्या लेखन की भाषा खत्म होगी?

करोड़ों इंटरनेट यूजर इन दिनों लिखने के बजाय इमोजी का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा ज्यादातर समय बचाने के लिए किया जाता है. सवाल उठता है कि क्या इमोजी पारंपरिक भाषा को खत्म कर देंगे? कुछ भाषाविद् कहते हैं कि इमोटिकॉन के बढ़ते चलन के कारण लिखित भाषा का इस्तेमाल कम हो रहा है. डिजिटल युग के लोग लिखने पढ़ने में आलस्य जाहिर करते हैं. जबकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है यह भाषा का विकास है.