World AIDS Day 2018: एचआईवी/ एड्स (HIV/AIDS) एक ऐसी लाइलाज जानलेवा बीमारी है, जिसका अब तक कोई कारगर इलाज उपलब्ध नहीं है. इसके प्रति जागरूकता ही इससे बचाव का एकमात्र विकल्प है. दरअसल, एड्स यानी एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (Acquired Immunodeficiency Syndrome) एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो एचआईवी यानी ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus) की वजह से होती है. एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति की संक्रमण से लड़ने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है और जब व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण से लड़ने में विफल हो जाती है तो इस स्थिति को एड्स कहा जाता है.
एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति को एड्स की स्थिति तक पहुंचने में 8 से 9 साल का समय लग जाता है. हालांकि इस रोग का कोई कारगर इलाज तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी की मदद से मरीज लंबे समय तक सामान्य जीवन जी सकता है. इससे पीड़ित व्यक्ति को जीवन भर दवाओं और उपचार का सहारा लेना पड़ता है.
आज भी अधिकांश लोगों में इस लाइलाज बीमारी के प्रति जागरुकता की कमी है, जिसके चलते जाने-अंजाने में कई लोग इस संक्रमण का शिकार हो जाते हैं. ज्यादा से ज्यादा लोग इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरुक हो सकें, इसके लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है. चलिए इस खास मौके पर हम आपको बताते हैं एचआईवी/एड्स के कुछ सामान्य लक्षण, कारण और रोकथाम के कुछ खास टिप्स...
कारण-
- एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाना.
- संक्रमित व्यक्ति का रक्त किसी असंक्रमित व्यक्ति को चढ़ाने से.
- संक्रमिक व्यक्ति के ऑर्गन को किसी अन्य व्यक्ति में ट्रांसप्लांट करने पर.
- एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला से उसके होने वाले शिशु को संक्रमण हो सकता है.
- एक ही इंजेक्शन का कई लोगों पर इस्तेमाल करने से. यह भी पढ़ें: भारत में 21 लाख लोग हैं एचआईवी के मरीज, इस मामले में अव्वल नंबर पर है महाराष्ट्र
लक्षण-
एचआईवी से संक्रमित होने पर व्यक्ति के भीतर कई प्रकार के लक्षण (Symptoms) दिखाई देने लगते हैं, लेकिन इस गंभीर बीमारी का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराना अनिवार्य होता है.
- बार- बार बुखार आना.
- अत्यधिक थकान महसूस होना.
- मांसपेशियों में खिंचाव.
- जोड़ों में दर्द व सूजन.
- अत्यधिक पसीना आना.
- ठंड लगना.
- वजन कम होना.
- स्किन पर रैशेज होना.
- गले में खराश रहना.
- दस्त की परेशानी.
- भूख कम लगना.
- उल्टी और मितass="auth_name"> Anita Ram| Nov 30, 2018 04:39 PM IST