National Flag Day 2024: कब है राष्ट्रीय ध्वज दिवस? जानें तिरंगे में हुए 6 संशोधन! और क्या है तिरंगे का प्रतीक?

22 जुलाई को देश भर में राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाया जाता है. यह उन दिनों की सुखद स्मृतियों को ताजा करता है, जब भारत की संविधान सभा ने तिरंगे ध्वज को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया था.

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National Flag Day 2024: कब है राष्ट्रीय ध्वज दिवस? जानें तिरंगे में हुए 6 संशोधन! और क्या है तिरंगे का प्रतीक?

22 जुलाई को देश भर में राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाया जाता है. यह उन दिनों की सुखद स्मृतियों को ताजा करता है, जब भारत की संविधान सभा ने तिरंगे ध्वज को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया था.

लाइफस्टाइल Rajesh Srivastav|
National Flag Day 2024: कब है राष्ट्रीय ध्वज दिवस? जानें तिरंगे में हुए 6 संशोधन! और क्या है तिरंगे का प्रतीक?
Credit -Latestly.Com

National Flag Day 2024: प्रत्येक वर्ष 22 जुलाई को देश भर में राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाया जाता है. यह उन दिनों की सुखद स्मृतियों को ताजा करता है, जब भारत की संविधान सभा ने तिरंगे ध्वज को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया था. यह दिवस केसरिया, सफेद और हरे रंग की पट्टियों और केंद्र में स्थित अशोक चक्र से सुसज्ज तिरंगे झंडे के आधिकारिक चयन का प्रतीक है.

यह अवसर भारत की स्वतंत्रता, एकता और समृद्ध विरासत के प्रतीक ध्वज की भूमिका की सराहना करने और उसके बारे में जागरुकता बढ़ाने हेतु एक मंच के रूप में भी कार्य करता है. राष्ट्रीय ध्वज दिवस के अवसर पर आइये जानते हैं, राष्ट्रीय ध्वज में हुए क्रमशः परिवर्तन और तिरंगे के बारे में; ये भी पढ़े :Lokmanya Tilak Jayanti 2024: एक तरफ स्वतंत्रता आंदोलन, दूसरी ओर समाज कल्याण का संकल्प! जानें कैसा रहा तिलक का दोधारी तलवार पर सफर!

राष्ट्रीय ध्वज में हुए क्रमशः परिवर्तन

आधिकारिक भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का संबंध 20वीं सदी से है. 1947 में संविधान सभा द्वारा इसे औपचारिक रूप से अपनाकर समाप्त हुआ. प्रस्तुत है राष्ट्रीय ध्वज में क्रमशः साल दर साल हुए परिवर्तन के बारे में.

* 1906 में राष्ट्रीय ध्वज की प्रारंभिक डिजाइन का श्रेय आंध्र प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया को जाता है, जिन्होंने 1906 में इसे डिजाइन किया था. इसके केंद्र में एक सफेद अर्धचंद्र और तारे के साथ लाल, पीले और हरे रंग का क्षैतिज तिरंगा दिखाया गया था.

* साल 1917 में ध्वज में ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरे रंग को शामिल करने के लिए संशोधन किया गया, साथ ही अर्धचंद्र और तारा को ऊपरी बाएं कोने में ले जाया गया.

* साल 1921 में, महात्मा गांधी ने एक नए डिजाइन का प्रस्ताव रखा, जिसमें प्रगति का प्रतीक चरखा शामिल किया गया. इसमें भी केसरिया, सफेद और हरा रंग शामिल था.

* कुछ समय पश्चात सफेद पट्टी के केंद्र में अशोक चक्र, बौद्ध धर्म में कानून के पहिये का प्रतिनिधित्व करने वाला 24 तीलियों युक्त पहिया, 1921 में सफेद पट्टी के केंद्र में पेश किया.

* साल 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने औपचारिक रूप से तिरंगे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया, जो भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की एकता और विविधता का प्रतीक था.

* 22 जुलाई 1947 को भारत की संविधान सभा ने केसरिया, सफेद और हरे रंग के तिरंगे के केंद्र में गहरे नीले रंग का अशोक चक्र युक्त राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया.

स्वतंत्रता, संप्रभुता और एकता का प्रतीक तिरंगा

भारत का राष्ट्रीय ध्वज, देश की स्वतंत्रता, संप्रभुता और एकता का प्रतीक है, जिसे ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने से कुछ समय पहले, 22 जुलाई 1947 में अपनाया गया था. ध्वज की डिजाइन, इसके तत्व और प्रतीक इस तरह परिभाषित किये जा सकते हैं.

शीर्ष पर गहरा केसरिया साहस, बलिदान और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है. बीच में सफेद रंग शांति, सच्चाई और पवित्रता का प्रतीक है. नीचे हरा रंग भारतीय भूमि की उर्वरता, वृद्धि और शुभता का प्रतीक है. केंद्र में अशोक चक्र (24 तीलियों वाला पहिया) कानून के शाश्वत चक्र का प्रतिनिधित्व करता है. 24 तीलियां दिन के 24 घंटे का प्रतीक है. जो राष्ट्र की निरंतर प्रगति का संकेत देते हैं

 

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