अमावस्या, जिसे नो मून डे (no moon day) के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन चांद नहीं निकलता है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को जब चंद्रमा घटते-घटते पूरी तरह से दिखाई नहीं देता है, उस तिथि को अमावस्या कहते हैं. हर महीने में 15 दिनों का कृष्ण पक्ष और 15 दिनों का शुक्ल पक्ष होता है. कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या (Amavasya) और शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा (Purnima) कहते हैं. इस तरह से एक महीने में एक बार और साल में 12 अमावस्या पड़ती है. वैशाख माह हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना होता है. आज 11 मई को वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya 2021) है. यह भी पढ़ें: Mauni Amavasya 2021: यूपी के प्रयागराज और वाराणसी में मौनी अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई पवित्र डुबकी, देखें तस्वीरें
ऐसा माना जाता है कि अमावस्या ज्योतिष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह दिन हमारे पूर्वजों को समर्पित है. पितृदोष को दूर करने के लिए इस दिन लोग पूजा करते हैं. अमावस्या पर गंगा नदी में स्नान और पूजा और जरुरतमंदों को कपड़े, भोजन और धन का दान करना शुभ माना जाता है.
वैशाख अमावस्या का महत्व:
हिंदू धर्मग्रंथ गरुड़ पुराण में लोकप्रिय धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु ने कहा है कि अमावस्या के दिन हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं. इसलिए, उन्हें खुश करने के लिए उनके वंशज भोजन और प्रार्थना करते हैं. इस दिन, लोग अपने पूर्वजों के लिले व्रत रखते हैं और उनके लिए पूजा करते हैं. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति पिछले पापों से छुटकारा पाता है. पितरों को प्रसन्न करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए अमावस्या पर श्राद्ध अनुष्ठान किए जाते हैं. इस दिन काल सर्प दोष पूजा भी की जाती है.
वैशाख अमावस्या 2021: शुभ मुहूर्त:
अभिजीत- सुबह 11:36 बजे से दोपहर 12:29 बजे तक
अमृत कालम- प्रातः 06:06 से प्रातः 07:54 तक
वैशाख अमावस्या पूजा विधि:
दिन की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके करें. यदि संभव हो तो किसी भी पवित्र नदी में डुबकी लगाएं और उपवास शुरू करें. अर्घ्य अर्पित कर भगवान सूर्य की प्रार्थना करें. पवित्र नदी के जल के साथ पीपल के पेड़ को तिल चढ़ाएं. ब्राहमणों और गरीबों को दान भोजन, कपड़ा अर्पित करें. पक्षियों के लिए कुछ बीज या बाजरा डालें. वैशाख अमावस्या के दिन व्रत और दान करने से सफलता, समृद्धि, शांति और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.