Aaj 11 October 2024 Panchang: सनातन धर्म में शुभ तिथियों के लिए पंचांग देखने की पुरानी परंपरा है. पंचांग का आशय है तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार की जांच कर उपयुक्त शुभ तिथि में कार्य करना. हिंदू धर्म में मान्यता है कि अगर आप किसी भी प्रकार का शुभ मंगल कार्य करने जा रहे हैं, तो इसके शुभ प्रभाव के लिए पंचांग के अनुरूप शुभ मुहूर्त में ही कार्य को अंजाम दें. अमूमन यह कार्य ज्यादातर ज्योतिषाचार्य के माध्यम से करवाया जाता है.
11 अक्टूबर 2024 का शुभ मुहूर्त
आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी 12.31 PM तक इसके पश्चात नवमी लग जाएगी. इस तरह आज अष्टमी एवं नवमी दोनों की पूजा आज ही होगी. आज राहुकाल सुबह 10.41 AM से 12.08 PM तक रहेगा. जहां तक नक्षत्रों की बात है तो आज उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का योग है. आज चंद्रमा धनु राशि में संचार करेंगे. आज सूर्योदय 06.20 और सूर्यास्त 17.54 बजे होगा. अगर आप वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आज का दिन अत्यंत लाभकारी हो सकता है.
राहु काल: 11 अक्टूबर, गुरुवार को राहु काल 10.46 से 12.13 PM तक है. 11.41 AM तक चंद्रमा धनु राशि में होंगे, इसके बाद मकर राशि में संचार करेंगे.
हवन-पूजन मुहूर्तः 12.05 PM (11 अक्टूबर 2024) से 10.58 AM (12 अक्टूबर 2024) तक
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्तः 04.39 PM से 05.30 PM बजे तक
तिथि |
नवरात्रि अष्टमी (11 अक्टूबर 12.02 PM तक, इसके बाद अष्टमी लग जाएगी) |
पक्ष | शुक्ल |
वार |
शुक्रवार |
नक्षत्र |
उत्तराषाढ़ा 05.41 AM अक्टूबर 11 तक |
योग | सुकर्मा योग 02.46 AM तक |
राहुकाल |
10.46 AM से 12.13 PM |
सूर्योदय-सूर्यास्त |
06.26 AM - 05.53 PM |
चंद्रोदय-चंद्रास्त |
01.47 PM - 12. 37 AM |
दिशा शूल |
पश्चिम एवं दक्षिण दिशा- |
चंद्रमा |
धनु के बाद मकर राशि में प्रवेश करेंगे |
सूर्य राशि |
कन्या राशि में |
शुभ मुहूर्त, 11 अक्टूबर 2024
ब्रह्म मुहूर्त |
04.07 AM – 05.05 AM |
अभिजीत मुहूर्त |
11.44 AM 12.31 PM |
गोधुलि बेला |
05.54 PM से 07.08 PM तक |
सर्वसिद्धी योग |
- |
अमृत काल |
06.08 AM – 07.41 AM |
ब्रह्म मुहूर्त |
04.07 PM - 05.05 AM |
11 अक्टूबर 2024 अशुभ मुहूर्त
राहुकालः 10.46 से 12.13 PM
यमगण्ड: सुबह 03.07 PM - 04.34 PM
दुर्मुहूर्तः 08.45 AM से 09.31 AM
वज्यर्म कालः 01.35 PM से 03.10 PM
कुलिक काल: दोपहर 07.53 AM - 03.15 AM
आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी के उपाय
इसी दिन सप्तमी और अष्टमी (हिंदी तिथि अनुसार) पड़ने के कारण माँ दुर्गा स्वरूपा माँ गौरी एवं मां सिद्धिदात्री की उपासना की जाएगी. अगर आप किसी तरह के संकट से गुजर रहे हैं, दुश्मन परेशान कर रहे हैं, तो इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. मां की जयकारा लगाएं. उदया तिथि के अनुसार आज अष्टमी पड़ेगी. नवमी तिथि लगने पर शुभ मुहूर्त में हवन होगी.