Sawan 2021: भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं ये 6 फूल! जानें इन फूलों की खूबियां, जिससे प्रसन्न होकर भक्त की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं त्रिपुरारी!
भगवान शिव (Photo Credits: Pixabay)

हिंदू धर्म शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान शिव एकमात्र ऐसे देव हैं, जो अपने भक्तों की पूजा-पाठ से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, इसीलिए अपने भक्तों के बीच वे भोले भंडारी के नाम से भी लोकप्रिय हैं. अमूमन इन्हें प्रसन्न करने के लिए भांग-धतूरा एवं सफेद फूल आदि चढ़ाये जाते हैं, क्योंकि उन्हें सफेद रंग के पुष्प बहुत प्रिय है, लेकिन कम लोग ही जानते होंगे कि हर सफेद रंग के फूल भगवान शिवजी को पसंद नहीं होते. यहां हमारे ज्योतिषाचार्य बता रहे हैं कि श्रावण मास में शिवजी को किन-किन पुष्पों को चढ़ाकर प्रसन्न किया जा सकता है.

भगवान शिव के भक्तों की संख्या अपरंपार है. लेकिन क्या किसी को इस बात का अहसास है कि भोले शंकर को क्या प्रिय है? वैसे तो मान्यता है कि भोले भंडारी बेल-पत्र चढ़ाने से भी खुश होकर मनचाही मुरादें पूरी कर देते हैं, लेकिन श्रावण मास जो कि पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित माह माना जाता है, इसलिए शिव भक्त उन्हें प्रसन्न करने के हर संभव उपायों को अमल में लाने की कोशिश करते हैं. श्रावण मास के इस पुनीत पर्व पर हम भगवान शिव के 6 अतिप्रिय फूलों के बारे में बात करेंगे. साथ ही यह भी बताएंगे कि इन फूलों को भगवान शिव क्यों पसंद करते हैं.

धतूरा (Thorn Apple)

धतूरा की कुल नौ तरह की किस्में पाई जाती हैं. सफेद, हल्के पीले या नीले शेडो वाले ये फूल सिंगल अथवा डबल लेयर में होते हैं. ये भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय फूल है. इनमें कांटेदार फल होते हैं, जिसमें काले बीज होते हैं, ये फल भी भगवान शिव को अर्पित किये जाते हैं. ये काफी नशीले होते हैं, अब भगवान शिव तो विष का पान कर उसे अमृत बना देते हैं. धतूरा के बीजों से औषधि के लिए एल्कोलाड निकाला जाता है. यह बीजों से उगाया जाता है, और इसकी छह से आठ फिट की झाड़ी होती है. आयुर्वेद की कई दवाओं में इनका उपयोग होता है.

मदार (Akwan)

अमूमन मदार सफेद अथवा नीले रंग के होते हैं. इन फूलों की माला बनाकर शिवजी को चढ़ाये जाते हैं, ये फूल भी शिवजी को बहुत प्रिय हैं. ये बीजों से उगने वाले पौधे हैं. मगर सीड के साथ बेहतरीन रूई भी प्राप्त होती है. इसे तकिये में भरकर सिर के नीचे लगाने से सिर दर्द कभी नहीं होता. इन फूलों अथवा इनके पत्तों से सफेद दूध जैसा पदार्थ निकलता है, जो विषैला तो होता है, मगर जबर्दस्त दर्द निवारक भी है. कई गंभीर बीमारियों में इसका इस्तेमाल होता है.

कब्बो (Thummi)

इसे बहुफूल भी कहते हैं. यह फूल भी शिवजी को बहुत प्रिय माना जाता है. इसे प्रेम फूल भी कहा जाता है. इसके फूल काफी छोटे और श्वेत रंग के होते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा में ये फूल चढाये जाते हैं. इनके पत्ते और फूल दोनों ही आयुर्वेदिक दवाओं में काम आते हैं. यह शिव भक्तों के लिए भक्ति के साथ-साथ वैज्ञानिक प्रभावी भी है. यह भी पढ़ें : Jaya Parvati Vrat 2021 Wishes: जया पार्वती व्रत की शुभकामनाएं, अपनों संग शेयर करें ये WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs, HD Images और वॉलपेपर्स

गुड़हल (Hibisus)

गुड़हल के फूल भी शिवजी को बहुत प्रिय हैं. इसे जवाकुसुम पुष्प भी कहते हैं. गौरतलब है कि माता पार्वती को भी गुड़हल का फूल बहुत प्रिय है. चूंकि शिव और शक्ति एक ही हैं, शिव अर्धनारीश्वर हैं, इसीलिए उन्हें भी यह फूल चढ़ाए जाते हैं. इस फूल की कई किस्में हैं, और अनगिनत कलर में पाई जाती हैं. पर शिव जी की पूजा में लाल एवं सफेद गुड़हल का ही विशेष महत्व माना जाता है.

नील कमल (Blue Waterlily)

नील कमल से भी शिव जी की पूजा की जा सकती है. ऐसी मान्यता है कि हजार कनेर के फूल चढ़ाने से जो पुण्य मिल सकता है, उतना ही पुण्य नील कमल का मात्र एक फूल चढ़ाने से मिलता है. शिवजी भी इन फूलों से तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं. यह फूल पानी में उगाया जाता है. यह फूल लक्ष्मी जी की प्राप्ति के लिए भी बहुत उपयोगी माना जाता है. ज्ञात हो कि नील कमल का फूल घर पर रखना भी बहुत शुभ माना जाता है.

मोगरा (Mogra)

मोगरा को बेला के नाम से भी जाना जाता है. सफेद रंग का यह मनमोहक खुशबूवाला फूल भगवान शिव को संतान प्राप्ति के लिए अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि सच्ची आस्था एवं पवित्र मन से यह फूल भगवान शिव को चढाया जाये तो वे बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, और आपकी हर मनोकामनाओं को पूरी कर देते हैं