
'शनि' और 'शनि की साढ़े साती' का नाम सुनकर अधिकांश लोग भयभीत हो जाते हैं, क्योंकि जाने-अनजाने में हम उनके प्रति नकारात्मक नजरिया मन ही मन में पाल लेते हैं. जबकि ज्योतिष शास्त्र में स्पष्ट उल्लेखित है कि शनि शत्रु नहीं बल्कि मित्र है. शनिदेव की जिस पर कृपा हो जाती है, वह रातों-रात मालामाल हो जाता है. अलबत्ता शनिदेव का क्रोध भी विनाशकारी माना गया है, कि अगर शनिदेव किसी से नाराज हो जाएं तो वह महल से सड़कों पर आ जाता है. ऐसे में इस बात को समझना आवश्यक है कि शनि भगवान किन-किन वजहों से नाराज होते हैं और क्या ऐसा करना चाहिए कि वे खुश हो जायें. यहां हम कुछ ऐसी बातों पर चर्चा कर रहे हैं कि शनि की खुशी के लिए क्या करना चाहिए और उनकी नाराजगी से बचने के लिए क्या नहीं करना चाहिए.
* शनिवार के दिन शनिदेव का उपवास रखते हुए किसी शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए. शाम के समय पीपल के वृक्ष की जड़ के पास सरसों के तेल का दीप प्रज्जवलित करने से कुंडली में शनि दोष दूर होता है.
* प्रत्येक शनिवार को पूजा करते समय शनि के बीज मंत्र 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः', का कम से कम 108 बार जाप करने से आप शनि की टेढ़ी दृष्टि से बच जाएंगे.
* शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे एक सिक्का अर्पित करने के बाद तेल का दीपक जलाने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है.
* शनिवार के दिन जरूरतमंदों एवं अनाथों की मदद करनी चाहिए, भूखों को खाना खिलाना चाहिए, इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं.
* शनिवार के दिन भभूत, भस्म अथवा लाल चंदन धारण करें.
* इस दिन भैरव महाराज की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. संभव हो तो भैरव मंदिर में शनिवार को शराब चढ़ाएं.
* इस दिन शनि भगवान की सवारी कौवे को रोटी खिलाने से भी शनि भगवान प्रसन्न होते हैं.
* नेत्रहीनों, विकलांगों, नौकरों तथा सफाई कर्मियों से अच्छा व्यवहार करें और संभव हो तो शनिवार के दिन उन्हें कुछ न कुछ दान अथवा मदद करें.
ये कार्य हर्गिज न करें
* शनिवार के दिन सरसों का तेल खरीदना अशुभ माना जाता है. पूजा के लिए मंदिर के बाहर से तेल खरीदने के बजाय घर से तेल लेकर मंदिर जाना चाहिए.
* शनिवार के दिन लोहे से बनी वस्तुएं भी घर में नहीं लानी चाहिए. क्योंकि शनि देव लोहे का अस्त्र धारण करते हैं. इसे शनि का धातु माना जाता है.
* शनि न्याय के देवता हैं, इसलिए शनिवार के दिन माता-पिता अथवा किसी भी बड़े बुजुर्गों और गरीबों का अपमान नहीं करना चाहिए, मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव
नाराज हो जाते हैं. इसके विपरीत इस दिन माता-पिता की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.
* शनिवार के दिन उड़द अथवा उड़द की दाल घर में नहीं लानी चाहिए. क्योंकि इस दिन उड़द की दाल की खिचड़ी दान किया जाता है.
* शनिवार के दिन किसी भी मासूम जीव-जन्तु को सताना नहीं चाहिए. न्याय के देवता होने के कारण शनिदेव की नजर में यह घृणित कार्य है औऱ ऐसा करने से वे नाराज हो सकते हैं.
* शनिवार के दिन नये जूते-चप्पल नहीं खरीदने चाहिए, न ही किसी को जूते-चप्पल उधार अथवा उपहार में लेना-देना चाहिए.
* शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद ही शनिदेव के लिए दीपक जलाना चाहिए. इससे पूर्व दीप जलाने से कोई लाभ नहीं मिलता.
* शनिदेव गरीबों का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए इस दिन गरीबों का अपमान करने वाले को शनि के कोप का शिकार बनना पड़ सकता है.
* शनिवार के दिन काला तिल और सरसों का तेल दान किया जाता है, इसलिए इस दिन काला तिल खरीदने से भी बचना चाहिए. ऐसा करने से कार्यों में बाधा आती है.