Shakuntala Devi 90th Birth Anniversary: शकुंतला देवी जो 'मानव कंप्यूटर' के नाम से जानी जानेवाली शकुंतला देवी गणित की विद्वान थीं. शकुंतला देवी का जन्म 4, नवंबर 1929 को बैंगलोर में गरीब और रूढ़िवादी कन्नड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके पिता ने मंदिर के पुजारी बनने के खिलाफ विद्रोह किया था. इसके बजाय उन्होंने सर्कस में करतब दिखाने का काम किया और इस दौरान खेल खेल में उन्हें अपनी बेटी की गणित की प्रतिभा का पता चला. तीन साल की उम्र में जब वो अपनी बेटी शकुन्तला को कार्ड खेलना सिखा रहे थे, तब उन्हें अपनी बेटी के नंबर्स याद रखने की प्रतिभा का पता चला. जिसके बाद उन्होंने सर्कस छोड़ दी और शकुंतला के साथ रोड शो करने लगे और उनकी प्रतिभा को जनता में प्रदर्शित करने लगे.
शकुंतला बड़ी बड़ी संख्याएं बिना किसी शिक्षा के झट से जोड़ घटा लेतीं. इतनी बड़ी संख्याओं का कैल्कुलेशन बड़े-बड़े प्रोफ़ेसर को भी करने में दिक्कत होती, लेकिन शकुंतला बड़ी ही सहजता से मन में जोड़ घटाकर कठिन से कठिन सवाल का जवाब दे देतीं. सिर्फ छह साल की उम्र में उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय में अपनी अंकगणितीय क्षमताओं का प्रदर्शन किया. साल 1944 में शकुंतला देवी अपने पिता के साथ लंदन चली गईं.
यह भी पढ़ें: भारतीय गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश को मिला गणित में 'नोबल पुरस्कार'
शकुंतला देवी ने गणित पर कई किताबें लिखी हैं. जिनमें उनकी सबसे प्रसिद्ध किताब है फिगरिंग: जॉय ऑफ नंबर्स (Figuring: the Joy of Numbers) इस किताब में उन्होंने मेंटल कैल्कुलेशन के कुछ तरीकों को शेयर किया है. इसके अलावा उन्होंने गणित पर इन द वंडरलैंड ऑफ़ नंबर्स (In the Wonderland of Numbers) और अवेकेन द जीनियस इन योर चाइल्ड (Awaken the Genius in Your Child) जैसी प्रसिद्ध किताबें लिखी हैं.
शकुंतला देवी ने अपने टैलेंट का प्रदर्शन करने के लिए पूरी दुनिया का भ्रमण किया. उनकी प्रतिभा को देखते हुए साल 1982 में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया. साल 1960 में उनकी शादी कोलकता के एक बंगाली आई.ए.एस. से हुई थी. लेकिन उनका वैवाहिक जीवन ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका. 1979 में पति से अलग हो गईं और साल 2013 में उनका निधन हो गया.