Sawan 2019: आज है सावन का दूसरा सोमवार और सोम प्रदोष, जानें पौराणिक कथा और पूजा विधि
आज है सावन का दूसरा सोमवार (Photo Credits: Twitter)

आज सावन का दूसरा सोमवार है, जो लोग व्रत रखते हैं उनका आज दूसरा व्रत है. ये व्रत करने से लड़कियों को उनका मनचाहा वर मिलता है. 19 साल बाद ऐसा योग बना है कि इस साल सावन के हर सोमवार भगवान् शिव अपने भक्तों को कुछ न कुछ दे रहे हैं. सावन का पहला सोमवार जहां जातकों को सारी समस्याओं और बधाओं से मुक्ति दिलाने वाला था वहीं दूसरी ओर आज का सोमवार शिवभक्तों को बेहतर स्वास्थ्य और बल प्रदान करने वाला है. आज के दिन पूरे विधि-विधान से शिव की पूजा आराधना करने पर सारे बिगड़े काम बन सकते हैं. सावन का दूसरा सोमवार इस बार बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन प्रदोष व्रत भी है. प्रदोष वैसे भी शिव जी की उपासना तिथि मानी जाती है. अलग अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग अलग होती है. सावन में सोम प्रदोष का अदभुत संयोग जीवन की हर मनोकामनाओं को पूरा करता है. इस दिन उपवास रखकर शिव जी की पूजा और मंत्र जाप किए जाएं तो आर्थिक तथा पारिवारिक समस्याएं दूर हो जाती हैं. अगर संतान से सम्बंधित कोई समस्या है तो इस दिन पूजा उपासना से विशेष लाभ लिया जा सकता है. प्रदोष के दिन शिव जी की पूजा प्रदोष काल में करना सर्वोत्तम होता है. इस बार सावन का दूसरा सोमवार और प्रदोष 29 जुलाई यानी आज है.

भगवान शिव को क्यों प्रिय है सावन माह:

पौराणिक कथा अनुसार देवी सती के पिता दक्ष ने भगवान शिव का जब यज्ञ के दौरान निरादर किया था. जिसकी वजह से गुस्से में देवी सती ने उसी यज्ञ कुंड में कूदकर जान दे दी थी. जिसके बाद माता सती ने पार्वती के रूप में पर्वत राज हिमालय के घर जन्म लिया था. माता पार्वती ने शिवजी को पुन: पाने के लिए सावन माह में ही कठोर तप किया था. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने पार्वती की मनोकामना पूरी की और उनसे विवाह किया था. सावन में ही भोलेनाथ ने पत्नी के रूप में पार्वती को प्राप्त किया था. इसी वजह से शिवजी को ये माह विशेष प्रिय माना जाता है.

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पूजा विधि: 

इस दिन सुबह जल्दी उठकर  सफेद कपड़े पहनें.

इसके बाद शिव जी को जल और बेल पत्र चढ़ाएं.

शिवजी को सफेद वस्तु का भोग लगाएं.

शिव मंत्र "नमः शिवाय" का जाप करें.

रात्रि के समय भी शिव जी के समक्ष घी का दीपक जलाकर शिव मंत्र जाप करें.
शाम को भी शिव जी और माता पार्वती की पूजा करें. सोमवार व्रत कथा सुनें. व्रत कथा सुनने के बाद भगवान शंकर की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं. पूजा के बाद व्रत खोल लें. शास्त्रों के अनुसार सावन सोमवार व्रत में तीन पहर तक उपवास रखकर उसके बाद व्रत खोलना चाहिए. यानी कि एक समय भोजन करना चाहिए.