आज दुनिया के कई देशों में सूर्य-ग्रहण (Surya Grahan) दिखेगा. खगोल शास्त्रियों के अनुसार भारतीय समयानुसार रात 12.00 बजे से सुबह 04.03 बजे तक सूर्य ग्रहण होने के कारण भारत (India) में सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक नही लगने के कारण सूर्य ग्रहण पर मान्य प्रतिबंध भारत में लागू नहीं होंगे, वहीं कई ज्योतिषियों की दलील है कि भारत में सूर्य ग्रहण दिखना एक अलग मुद्दा है, ग्रहण लग रहा है तो पृथ्वी पर उसका असर अवश्य पड़ेगा, उसी पृथ्वी (Earth) का एक हिस्सा भारत भी है. ऐसे में ग्रहण के कुप्रभाव से हम कैसे सुरक्षित रह सकते हैं? सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने की कोशिश तो हमें करनी ही होगी. विशेषकर गर्भवती महिलाओं को अपने गर्भस्थ शिशु को ग्रहण प्रभावित सुरक्षा मानकों पर तो ध्यान तो रखना ही होगा. यहां हम कुछ ऐसे ही प्रतिबंधों पर बात करेंगे. Surya Grahan 2022: कब लग रहा है साल का पहला सूर्यग्रहण? जानें दुनिया भर में कहां-कहां दिखेगा और शनि अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण पड़ना क्या दर्शाता है?
* ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को बिस्तर पर पैर मोड़कर, पालथी मारकर, घुटनों के बल अथवा दक्षिण दिशा की ओर पैर करने से बचना चाहिए. बिस्तर पर पैरों का सीधा फैलाकर लेटना चाहिए.
* सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या एक ही दिन लगने से गर्भवती महिलाओं के लिए यह दिन बहुत सावधानी बरतने वाला है, वरना बच्चे पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.
* सूर्य ग्रहण काल में गर्भस्थ महिलाओं को सुई, चाकू आदि से दूर रहना चाहिए, यानी सूर्य ग्रहण का जो समय बताया गया है, उस दौरान सब्जी काटने, कपड़े सिलने या नुकीले चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. वरना बच्चे शारीरिक विकास में किसी भी तरह का दोष आ सकता है.
* गर्भवती स्त्री को जब तक सूर्य ग्रहण रहता है, बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि सूर्य ग्रहण के दौरान उत्सर्जित होने वाली नकारात्मक ऊर्जा बच्चे की सेहत पर बुरा असर डाल सकती है, जिसका असर माँ की सेहत पर भी पड़ सकता है.
* मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान चूंकि बाहर नकारात्मक ऊर्जा
* सूर्य ग्रहण शुरु होने के साथ ही गर्भवती महिला तुलसी के दो पत्ते जिह्वा पर रखकर हनुमान चालीसा एवं दुर्गा स्तुति का पाठ शुरु करना चाहिए. इससे बच्चे पर ग्रहण का असर नहीं पड़ता.
* सूर्य ग्रहण प्रारंभ होने से पूर्व एवं सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद गर्भवती स्त्री को पानी में गंगाजल एवं तुलसी के दो पत्ते डालकर स्नान करना चाहिए. इससे माँ एवं शिशु किसी भी तरह के संभावित रोग से सुरक्षित बच सकते हैं.
* गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण काल में थोड़ी-थोड़ी देर में ईश्वर के नाम का जप करना चाहिए. भगवान विष्णु एवं हनुमान जी ध्यान करना बच्चे की सुरक्षा की कामना करनी चाहिए. ऐसा करने से बच्चे एवं माँ पर ईश्वर की विशेष कृपा रहती है.
* सूर्य ग्रहण शुरु होने से पूर्व गर्भवती महिआओं को अपने पेट के नाभि वाले हिस्से पर गेरू का पतला लेप लगाना चाहिए.