Sex Tips: वो 8 वजहें, जिनके कारण महिलाएं सेक्स का भरपूर आनंद नहीं उठा पातीं!

अक्सर देखा गया है कि अलग-अलग वजहों से महिलाएं सेक्स के दौरान ऑर्गैज्म तक नहीं पहुंच पातीं, जिस वजह से वे यौवन सुख का भरपूर आनंद नहीं ले पातीं. इसके कई कारण हो सकते हैं. वस्तुतः पुरुष हो या स्त्री ऑर्गेज्म तक पहुंच कर ही सेक्स का चरम सुख प्राप्त होता है, जबकि अमूमन यही देखा गया है कि महिलाएं अपनी तरफ से भी खास कोशिश नहीं करती.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)
Sex Tips: अक्सर देखा गया है कि अलग-अलग वजहों  से महिलाएं सेक्स (Sex) के दौरान ऑर्गैज्म (Orgasm) तक नहीं पहुंच पातीं, जिस वजह से वे यौवन सुख (Sexual Pleasure) का भरपूर आनंद नहीं ले पातीं. इसके कई कारण हो सकते हैं. वस्तुतः पुरुष हो या स्त्री ऑर्गेज्म तक पहुंच कर ही सेक्स का चरम सुख प्राप्त होता है, जबकि अमूमन यही देखा गया है कि महिलाएं अपनी तरफ से भी खास कोशिश नहीं करती. आइए जानें, वे कौन-सी वजहें हो सकती हैं, जिनकी वजह से महिलाएं सेक्स का भरपूर आनंद नहीं ले पातीं. साथ ही जानें इसका निदान क्या है?
1- ऑक्सीटोसिन स्तर का कम होना
सेक्स विशेषज्ञों का मानना है कि ऑर्गेज्म के लिए ‘फील गुड’ कहा जाने वाला ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्तर बहुत महत्वपूर्ण होता है. अगर किसी महिला के शरीर में ऑक्सीटोसिन का स्तर बहुत कम है, तो ऑर्गेज्म तक पहुंचना मुश्किल होता है. ऐसी स्थिति में पुरुष साथी को चाहिए कि वह महिला पार्टनर के साथ थोड़ा वक्त बिताए, उसे किस करे, गले लगाए, उसके शरीर के शरीर के विशेष अंगों को सहलाए, अधिक समय बिताएं, उन्हें किस करें, गले लगाएं. ऐसा करने से हार्मोन का निर्माण बढ़ जाता है.
2- संभोग से पहले और बाद में बाथरूम अवश्य जाएं
एक बात ध्यान रहे महिला हो या पुरुष संभोग से पहले और संभोग के बाद बाथरूम अवश्य जाएं, क्योंकि सेक्स से पूर्व ब्लैडर खाली रहता है तो आर्गेज्म का आनंद दुगना हो जाता है. भरे हुए ब्लैडर के कारण आर्गेज्म की फीलिंग नहीं आती. इसी तरह संभोग के बाद बाथरूम जाने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचा जा सकता है. इसलिए संभोग से पूर्व और बाद में बाथरूम अवश्य जाना चाहिए. यह भी पढ़ें: Sex Tips: क्या Vaginal Tightness की वजह से आपकी सेक्स लाइफ हो रही है प्रभावित? Orgasmic Intercourse के लिए अपने प्राइवेट पार्ट को ऐसे बनाएं अधिक Flexible
3- मास्टरबेशन से परहेज करना
भारत में आज भी अधिकांश महिलाएं मास्टरबेशन को अच्छी नजरों से नहीं देखतीं. जबकि सेक्स विशेषज्ञों का कहना है कि मास्टरबेशन खुद को सेक्स के प्रति तैयार और संतुष्ट करने की आवश्यक प्रक्रिया है और इसे सप्ताह में एक बार महिलाओं को भी करना चाहिए. ऐसा करके आप अपनी शारीरिक एवं सेक्स क्षमता को समझती हैं. यह प्रक्रिया उस समय आपके लिए काफी सहयोगी साबित होती है जब आप पुरुष पार्टनर के साथ संभोग में रत होते हैं.

4- संभोग के समय अत्यधिक जलन 
 

 पेल्विक डिसफंक्शन वाली महिलाओं में संभोग के समय अक्सर दर्द की शिकायत होती है. पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन तभी सामान्य होती है, जब श्रोणि के आधार में मांसपेशियों को सामान्य रूप से आराम नहीं मिलता. फिजिकल थेरेपी और बायोफीडबैक ट्रीटमेंट से समस्या को ठीक किया जा सकता है. इसके अलावा जो महिलाएं बच्चे को स्तनपान कराती हैं या रजोनिवृत्ति से गुजर रही होती हैं, उनमें हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं, जिससे योनि में सूखापन रहता है, जो संभोग के समय जलन पैदा करते हैं. इसका एक उपाय हार्मोनल उपचार है, दूसरा आप चिकनाई का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
5- डेस्क पर काम करने वाली महिलाएं
स्त्री रोग विशेषज्ञों का मानना है कि डेस्क पर निरंतर 8/9 घंटे काम करने से महिलाओं  की पेल्विक मसल्स शक्तिहीन हो जाती है, जिससे संभोग के समय उन्हें पेल्विक में पीड़ा होती है. इस दर्द के कारण ऑर्गेज्म तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. इसका इलाज यही है कि महिलाओं को बीच-बीच में 10-15 मिनट का ब्रेक लेकर सीट छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए, इससे पेल्विक मसल्स मजबूती बनी रहती है.
6- ऊंची हील्स के चप्पल
कुछ महिलाओं को ऊंची हील्स की चप्पलें या जूती पहनने का बहुत शौक रहता है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी महिलाएं  कोशिश करके भी ऑर्गैज्म तक नहीं पहुंच सकती हैं. दरअसल पैरों की सोअस मसल्स पेल्विक नर्व्स से जुड़ी होती है, अगर ये क्षतिग्रस्त होते हैं तो सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म का पता ही नहीं चल पाता, और ऊंची हील के जूती-चप्पलें नियमित रूप से पहनने से पेल्विक मसल्स के क्षतिग्रस्त होने की संभावना रहती ही है.
7- संभोग के दौरान खामोश रहना
ध्यान रहे कि हर एक्शन का रिएक्शन होना जरूरी होता है. यह बात सेक्स प्रक्रिया पर भी लागू होती है. मसलन सेक्स के दौरान पीड़ा महसूस होने पर‘आह!, ‘उह!’ की आवाज निकलना स्वाभाविक है, लेकिन महिला अगर इस पीड़ा को खामोशी से पी लेती हैं तो, वह ऑर्गेज्म का सुख भोगने से वंचित रह सकती है. इसीलिए संभोग की प्रक्रिया के दौरान सिसकी भरना अनिवार्य होता है. क्योंकि सिसकियां भरने से ऑर्गेज्म तक जल्दी-जल्दी अप-डाउन किया जा सकता है और अपेक्षाकृत लंबे समय तक आनंद की प्राप्ति होती है. लेकिन अनावश्यक रूप से चीखना पुरुष पार्टनर के लिए दुविधा पैदा कर सकता है. यह भी पढ़ें: Sex Tips: सेक्स के बाद कैसे करें प्राइवेट पार्ट की सफाई? STD और UTI से बचने के लिए शारीरिक संबंध बनाने के बाद ऐसे करें अपने निजी अंगों को साफ
8- गर्भ निरोधक गोलियां 
बर्थ कंट्रोल पिल्स में मौजूद प्रोलैक्टिन नामक तत्व सेक्स ड्राइव को कमजोर बना देता है. बीपी, शुगर,  बर्थ कंट्रोल की गोलियों का निरंतर से सेवन करने से सेक्स के प्रति क्रमश रुझान कम होता जाता है. ऐसे में सेक्स विशेषज्ञ महिलाओं को लुब्रिकेंट इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. यह हानिरहित होता है.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स  पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
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