Rahu Ketu Transit 2020: नौ ग्रहों में राहु और केतु (Rahu And Ketu) का छाया ग्रह माना जाता है, लेकिन कुंडली में इनकी खराब स्थिति व्यक्ति की जिंदगी को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है. राहु-केतु (Rahu-Ketu) अगर किसी पर कुपित हो जाएं तो उसके जीवन को नरक बना देते हैं और अगर उनकी कृपा हो तो वे रंक को भी राजा बना सकते हैं. 23 सितंबर को राहु केतु का गोचर (Rahu Ketru Transit) होने जा रहा है यानी ये दोनों छाया ग्रह राशि परिवर्तन (Rashi Parivartan) करने जा रहे हैं. 23 सितंबर को जहां राहु शुक्र की राशि वृष में तो वहीं केतु मंगल की राशि वृश्चिक में गोचर करेंगे. राहु ग्रह 23 सितंबर को सुबह 5.28 बजे मिथुन से वृष राशि में गोचर करेंगे तो केतु सुबह 7.38 बजे धनु राशि से वृश्चिक में प्रवेश करेंगे. यह राशि परिवर्तन 12 अप्रैल 2022 तक रहेगा. इस राशि परिवर्तन का कई राशियों पर शुभ तो कई राशियों पर अशुभ प्रभाव पड़ेगा.
नौ ग्रहों में राहु केतु का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु को नौ ग्रहों में छाया ग्रह की संज्ञा दी गई है. राहु केतु को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है. कहा जाता है कि यह कुंडली में जिस ग्रह के साथ बैठते हैं उसके अनुरुप ही फल प्रदान करते हैं. कुंडली में राहु अशुभ हो तो इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है, जबकि शुभ स्थिति में होने पर इससे जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके शुभ फल से व्यक्ति धनवान और राजयोग का सुख भी प्राप्त कर सकता है.
केतु को मोक्ष, आध्यात्म और वैराग्य का कारक माना जाता है. किसी की कुंडली में जब केतु शुभ होता है तो उस व्यक्ति की कल्पना शक्ति को असीम कर देता है, जबकि अशुभ होने पर उसका सर्वनाश भी कर सकता है. यह धुन राशि में उच्च का और मिथुन राशि में नीच का होता है. वहीं राहु मिथुन राशि में उच्च का होता है और धनु राशि में नीच का होता है.
कौन हैं राहु केतु?
प्रचलित पौराणिक कथाओं के अनुसार, राहु नाम के एक असुर ने धोखे से समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदे पी ली थी. सूर्य और चंद्रमा को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने भगवान विष्णु को इसकी सूचना दी. इसके तुरंत बाद भगवान विष्णु ने उसके सिर को धड़ से अलग कर दिया, लेकिन अमृत की बूंदे गले से नीचे उतर चुकी थीं, इसलिए उसे अमरत्व प्राप्त हुआ. भगवान विष्णु द्वारा सिर काटे जाने के बाद उसका सिर राहु कहलाया और धड़ केतु कहलाया. इन दोनों ग्रहों को शुरुआत से ही वक्री यानी उल्टी चाल चलने वाला ग्रह माना जाता रहा है. राहु केतु को क्रूर व पापी ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है. यह भी पढ़ें: Adhik Maas 2020: हर तीन साल में क्यों आता है अधिक मास? मलिन होने के बावजूद क्यों श्रीहरि को प्रिय है पुरुषोत्तम मास, जानें महत्व
राहु केतु के गोचर का राशियों पर प्रभाव
मेष- इस राशि के जातकों के लिए गोचर शुभ परिणाम लाएगा. साहस और सकारात्मकता में बढ़ोत्तरी होगी. आपको अपने कार्यों व कारोबार में सफलता मिलेगी.
वृष- इस राशि के जातकों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. परिवार में कलह या मनमुटाव की स्थिति बन सकती है और आपका आर्थिक जीवन प्रभावित हो सकता है.
मिथुन- राहु-केतु के इस राशि परिवर्तन से हताशा, चिंता और अनिश्चितता से आप परेशान हो सकते हैं. शारीरिक व मानसिक कष्ट के साथ धनहानि की समस्या हो सकती है.
कर्क- रुका हुआ धन वापस मिल सकता है, लेकिन खर्चों में भी बढ़ोत्तरी की संभावना बन रही है. लंबी यात्रा का योग बन रहा है. सेहत के प्रति सजग रहे.
सिंह- इस राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर फायदेमंद है. आर्थिक मामलों में लाभ होने की संभावना है. आमदनी बढ़ेगी, लेकिन केतु के गोचर से धन संबंधी दिक्कतें आ सकती हैं.
कन्या- इस राशि के जातकों के लिए यह गोचर कुछ परेशानियां ला सकता है. कार्यक्षेत्र में बनते हुए काम भी बिगड़ सकते हैं. धैर्य से काम लें, आध्यात्म में रूचि बढ़ेगी. चोट लगने की संभावना है.
तुला- राहु के वक्री होने से भाग्योदय का योग बन रहा है, लेकिन केतु उसे प्रभावित कर रहा है. कार्यों में रूकावटें आ सकती हैं. मेहनत पर भरोसा करें और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें.
वृश्चिक- विद्यार्थियों के लिए यह गोचर फायदेमंद है, लेकिन विवाहित लोगों के पारिवारिक जीवन में कुछ तनाव उत्पन्न हो सकता है. वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की आपको सलाह दी जाती है.
धनु- राहु के गोचर के कारण आप अपने विरोधियों को परास्त करने में सफल रहेंगें, लेकिन केतु के प्रभाव से परिवार में विवाद और सेहत संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है. व्यापार से जुड़े कार्यों को सावधानी से करें.
मकर- इस गोचर से मिले-जुले परिणाम मिलेंगे. किसी काम को लेकर असमंजस की स्थिति रहेगी, लेकिन केतु नए अवसर की संभावनाओं को प्रबल करेगा. राहु का गोचर कर्ज में वृद्धि कर सकता है. आर्थिक फैसले सोच-समझकर लें.
कुंभ- संतान को लेकर आपकी चिंता बढ़ सकती है. छात्रों को उच्च शिक्षा में दिक्कतें आ सकती हैं. दांपत्य जीवन में कड़वाहट आ सकती है. इस समय निवेश न करें और अपनी सेहत का ख्याल रखें.
मीन- आपकी माता को शारीरिक कष्ट हो सकता है. सुखों में भी कमी आ सकती है. आपकी सेहत अच्छी रहेगी और जीवन में सकारात्मकता आएगी. हालांकि किसी से वाद-विवाद करने से बचें और धैर्य से काम लें.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.