Navratri 2019: आश्विन शुक्लपक्ष की अष्टमी (6 अक्टूबर 2019) के दिन माता महागौरी की पूजा-अर्चना की परंपरा है. माता गौरी बड़ी ममतामयी हैं. अपने भक्तों की हर समस्याओं का समाधान करती हैं. अगर आप आर्थिक रूप से परेशान है, तो आपकी आर्थिक समस्याएं सुलझाकर आपके जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की बहार लाती हैं, माँ प्रसन्न हों तो मनपसंद विवाह का वरदान भी देती हैं. कहा जाता है कि माता सीता ने श्री राम को पति के रूप में पाने के लिए माता गौरी की ही पूजा की थी.
माता महागौरी स्वरूप
माता महागौरी श्वेत वर्ण वाली होने के कारण महागौरी कहलाती हैं. वे वृषभ पर सवारी करती हैं, महागौरी की चार भुजाएं हैं. दाई तरफ वाले एक हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं तो दूसरे हाथ से भक्त को अभय प्रदान करती हैं बाई तरफ के एक हाथ में डमरू और दूसरा हाथ वरदान देने की मुद्रा में रहता है. मान्यता है कि वह राहु ग्रह का संचालन करती हैं.
महागौरी का महात्म्य
मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी का स्मरण एवं पूजा-अर्चना करने से जातक के ग्रह दोष दूर होते हैं, व्यापार, दांपत्य जीवन, सुख-समृद्धि, धन एवं ऐश्वर्य में वृद्धि होती है. जो जातक कला क्षेत्र के अंतर्गत अभिनय, गायन, नृत्य आदि क्षेत्र में सक्रिय हैं, उन्हें महाअष्टमी के दिन महागौरी की पूजा अवश्य करनी चाहिए, ऐसा करने से उन्हें खूब नाम-दाम की प्राप्ति होती है. ऐसा भी कहा जाता है कि माता महागौरी की पूजा करने से त्वचा संबंधी तमाम संकटों से मुक्ति मिलती है.
कैसे करें महागौरी का पूजन
प्रातःकाल उठकर स्नान-ध्यान करें. शुभ मुहर्त में पूजा प्रारंभ करने से पूर्व पीले रंग का वस्त्र पहनें. चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उसे गंगाजल से पवित्र करें. अब माँ की प्रतिमा अथवा तस्वीर रखें. पूजा प्रारंभ करने से पूर्व उनकी निम्नलिखित स्तुति का पाठ अवश्य करें.
'या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥'
माँ की प्रतिमा के समक्ष गाय के घी का दीप प्रज्जवलित करें. उनका ध्यान एवं संकल्प करें. अब माँ को चमेली की श्वेत अथवा केसर का पीला फूल चढ़ाएं. अब प्रसाद के रूप में नारियल एवं खोए से बना सफेद रंग का पेड़ा चढ़ाएं. निम्न मंत्रों का जाप करें.
"ॐ शुं शुक्राय नमः"
महागौरी की पूजा-अर्चना से जातक की कुंडली के कमजोर शुक्र का दोष मिट जाता है. इसीलिए किसी विवाह में किसी भी तरह की बाधा आती है, तो महागौरी की अभीष्ठ पूजा-अर्चना से सारी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं साथ ही दांपत्य एवं पारिवारिक जीवन सुखमय बीतता है.