अक्सर देखा गया है कि गृह-सज्जा के शौकीन लोग अपने कमरों को युनिक दिखाने के लिए महाभारत अथवा अन्य युद्ध की तस्वीरें, अथवा मूर्तियां लगाते हैं. उन्हें लगता है कि इससे घर आया अतिथि उनकी कल्पना शक्ति, उनकी साज-सज्जा की तारीफ करेगा. हो सकता है कि उन्हें प्रशंसा मिले भी, लेकिन क्या इन तस्वीरों का असर हमारे दैनिक जीवन को भी प्रभावित नहीं करता? मुंबई के सुविख्यात वास्तुशास्त्री श्री प्रेम गुप्ता तो कुछ ऐसा ही कहते हैं. उनकी मानें तो साज-सज्जा करते वक्त अगर उससे उत्पन्न वास्तुदोष का ध्यान नहीं रखा जाये तो इसका विपरीत असर घर और परिवार को भुगतना पड़ सकता है... आइये जानें महाभारत अथवा युद्ध आदि की तस्वीरें किस तरह हमारे लिए नुकसानदेय साबित होती हैं, क्यों वास्तुशास्त्री घरों में इसके प्रयोग को वर्जित बताते हैं..
घर के किसी भी हिस्से में गलत तस्वीरें जहां अशुभ प्रभाव डालती हैं, वहीं वास्तु के अनुरूप अच्छी तस्वीरें तरक्की और खुशहाली का प्रतीक साबित हो सकती हैं. साज-सज्जा के लिए कुछ तस्वीरें अथवा मूर्तियां वास्तु दोष का कारण बनती हैं तो कुछ तस्वीरें सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती हैं. अक्सर कई घरों में समुद्री लहरों से संघर्ष करती नावों अथवा जहाजों की तस्वीरें देखने को मिलती हैं, जो कि वास्तु के अनुसार शुभ नहीं सकती. क्योंकि इससे हमारी सोच, हमारे फैसले प्रभावित होते हैं.
इसी तरह महाभारत काल के युद्ध की पेंटिंग्स अथवा मूर्तियां वास्तु दोष उत्पन्न करती हैं. महाभारत ही नहीं बल्कि किसी भी प्रकार की युद्ध अथवा झगड़े की तस्वीरें हमारी सोच को आक्रामक बना सकती हैं. प्रतिदिन सुबह उठकर युद्ध की फोटो देखने से हमारे स्वभाव और व्यवहार में भी गुस्सा आ जाता है. यह हमारे अच्छे-खासे समय पर अशुभ प्रभाव डाल सकता है. इससे हमारी आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है. हमारी गलत सोच हमें किसी बड़े संकट की ओर धकेल सकती है. महाभारत के युद्ध की तस्वीरें घर में कलह पैदा कर सकती है, दाम्पत्य जीवन को किसी अनजाने खतरे की ओर धकेल सकती है. साथ ही घर में निरंतर नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. सर्वविदित है कि महाभारत युद्ध भी पारिवारिक तनाव के कारण ही शुरु हुआ था, इसलिए महाभारत युद्ध से जुड़ी कोई भी तस्वीर घर में नही लगानी चाहिए.
युद्ध ही नहीं हिंसा वाली किसी भी तरह की तस्वीरें वास्तु के प्रतिकूल होती हैं. उदाहरण के लिए शिकार अथवा लड़ाई करते हुए जानवर की तस्वीरें अथवा मूर्तियां नकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करती हैं. हिंसक जानवरों को वास्तु शास्त्र में अशुभता का प्रतीक माना गया है. इस तरह की तस्वीरें घर के पारिवारिक सदस्यों के आपसी प्रेम-भाव और रिश्तों को प्रभावित करती हैं, उनके बीच ईर्ष्या, जलन, आक्रामकता का भाव पैदा करती हैं. यह आपके भीतर हिंसक प्रवृत्ति को बढ़ावा देती है.
घर की साज-सज्जा में ऐतिहासिक अथवा पौराणिक घटनाओं वाली तस्वीरों को भी जगह नहीं देनी चाहिए. इसका आशय यह हो सकता है कि जो समय बीत चुका है, वह वापस नहीं आयेगा, इस तरह की सोच नकारात्मकता को बढ़ावा देती है. आप चाहकर भी सकारात्मक ऊर्जा को स्वयं में संचित नहीं कर पाते. यही सोच आगे चलकर आपके अथवा आपके परिवार पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है. बहुत से धार्मिक प्रवृत्ति के लोग घर के अधिकांश हिस्सों में देवी-देवताओं की तस्वीरें अथवा मूर्तियों को भर देते हैं.
वास्तु के अनुसार यह सही नहीं है. आप स्वयं सोच सकते हैं कि क्या आप अपने व्यस्त समय में से इन सभी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए समय निकाल सकते हैं? घर में मंदिर के अलावा कहीं और देवी-देवताओं की फोटो नहीं लगाना चाहिए. देवी देवताओं की फटी फोटो अथवा खंडित मूर्तियां लगाने से भी बचना चाहिए. इससे भी घर में नकारात्मक ऊर्जा अपना प्रभाव छोड़ सकती है.
हां अगर फोटो अथवा मूर्ति लगाना ही चाहते हैं तो किसी एक जगह पर राधा-कृष्ण की फोटो अथवा मूर्ति लगाया जा सकता है. राधा-कृष्ण प्रेम का प्रतीक माने जाते हैं. इसका सकारात्मक असर घर-परिवार के रिश्तों पर पड़ता है. इसे देखकर चित्त को भी शांति मिलती है.