25 मई से 3 जून तक नौतपा दिखाएगा अपना प्रकोप, ज्येष्ठ महीने की गर्मी में सूर्य की तपिश से बचने के लिए बरतनी होंगी सावधानियां

25 मई से नौतपा के आगमन के साथ ही मौसम अपना मिजाज दिखाना शुरु करेगा. मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इन नौ दिनों में मौसम के अलग-अलग प्रभाव दिखेंगे. 25 से 27 मई तक गर्मी अपने चरम पर होगी.

भीषण गर्मी (Photo Credits: PTI)

सर्दी, गर्मी और बरसात प्रकृति प्रदत्त तोहफा ही होता है, लेकिन ग्रहों के योग अथवा पर्यावरण (Environment) में अनियमितता के कारण कभी-कभी अति गर्म, अति वृष्टि अथवा अति शीत का सामना भी करना पड़ता है. कुछ ऐसा ही मिजाज होता है मई के अंतिम सप्ताह में पड़ने वाली ‘नौतपा’ का. 25 मई से 3 जून तक ‘नौतपा’ (Nautapa) अपना प्रकोप दिखायेगा. आखिर क्या है ‘नौतपा’ (What is Nautapa) और कैसे होता है इसका आगमन.. आइये जानें...

ज्येष्ठ महीने की तपती गर्मी अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है. गरम लू और त्वचा को झुलसाती तपिश से इंसान ही नहीं जानवर और पेड़ पौधे तक परेशान हैं, जबकि अभी ‘नौतपा’ का आगमन बाकी है. 25 मई से नौतपा के आगमन के साथ ही मौसम अपना मिजाज दिखाना शुरु करेगा. मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इन नौ दिनों में मौसम के अलग-अलग प्रभाव दिखेंगे. 25 से 27 मई तक गर्मी अपने चरम पर होगी. हालांकि कहीं-कहीं हलकी-फुलकी बूंदाबांदी भी होगी.

इस सर्द-गर्म से वातावरण का तापक्रम तो बढेगा ही साथ ही बीमारियों को भी दावत मिलेगी. 28 से 30 मई को जितनी उमस बढेगी, बारीश की संभावना उतनी ही मुखर हो सकती है. 31 मई से 2 जून तक तेज हवा अथवा आंधी तूफान के साथ बारीश का भी संयोग बन रहा है. ‘नौतपा’ काल में बिन मौसम भी बारीश हो सकती है. सूर्य, राशि और ग्रहों की चाल से कई वर्ष बाद समसप्तक योगकाल में नौतपा का असर देखा जा सकता है. मौसम का ऐसा योग सालों बाद देखने को मिलेगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार नौतपा 25 मई 3 जून तक चलेगा. यह भी पढ़ें: इन गलतियों की वजह से आपको भी आ सकता है सामान्य से ज्यादा पसीना, जानें क्या?

क्या है नौतपा?

मई के उतरते सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी की दूरी कम होने के कारण सूर्य की तेज किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं. जिसका बुरा असर मनुष्य से लेकर पशु-पक्षी और पेड़-पौधों तक पर पड़ता है. 25 मई से रोहिणी नक्षत्र लग जायेगा, जो 8 जून तक रहेगा. विद्वानों के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का जब तक प्रभाव रहता है, सूर्य का प्रचण्ड स्वरूप शिखर पर होता है. रोहिणी और नौतपा का योग मौसम का मिजाज बिगाड़ देता है. इस वजह से पृथ्वी का तापमान अचानक बढ़ जाता है. इसी दौरान सूर्य, मंगल, बुध का शनि से समसप्तक योग होने के कारण भी धरती का तापमान प्रभावित होता है. भारतीय ज्योतिषियों के अनुसार चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा नक्षत्र से स्वाति नक्षत्र तक अपने स्वरूप में हो और तेज गर्मी पडे, यही नौतपा है.

नौतपा दिखायेगा उग्र रूप

ज्योतिषियों की मानें तो ‘नौतपा’ के शुरु के कुछ दिनों तक मौसम का ज्वार-भाटा देखने को मिल सकता है. इसके पश्चात यानी 1 जून से 3 जून तक सूर्य और बुध चूंकि रोहिणी नक्षत्र में होंगे और राहु गुरु के एवं मंगल राहु नक्षत्र में होने से आकाशीय गर्मी अपने चरम पर रहेगी. दूसरी भाषा में कह लें की आकाश आग बरसा सकता है. यह भी पढ़ें: गर्मियों में लू से बचने के लिए अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय

क्या करेगा सूर्य और रोहिणी का योग

‘नौतपा’ में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो तापमान भी बढ़ता है. साथ ही बिन मौसम हुई बारिश से थोड़ी राहत भी मिलती है. जैसा कि विदित है रोहिणी नक्षत्र में सूर्य एवं पृथ्वी एक दूसरे के काफी करीब आ जाते हैं, इसलिए पृथ्वी पर सूर्य की तेज किरणें अपना प्रकोप फैला सकती हैं. ऐसे मौसम में विशेष सतर्कता की आवश्यकता होती है. वरना तमाम तरह की बीमारियां मुंह बाए खड़ी रहती हैं. ‘नौतपा’ प्रकृति प्रदत्त है, इसके आगमन और प्रस्थान में किसी न किसी रूप में पृथ्वी और पृथ्वीवासियों के लिए हितकर ही होगा, बस सेहत नजर और नियंत्रण अवश्य रखें.

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