Karva Chauth 2018: व्रत के दौरान सुहागन महिलाएं भूलकर भी न करें ये 5 काम, पति को हो सकता है नुकसान
करवा चौथ (Photo Credits: Twitter)

Karva Chauth 2018: करवा चौथ सुहागन महिलाओं के लिए सबसे बड़ा पर्व होता है. अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए महिलाएं इस दिन करवा चौथ का व्रत पूरे विश्वास और श्रद्धा-भाव से करती हैं. इस बेहद खास दिन सुहागन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं, करवा चौथ की कथा सुनती हैं. इसके बाद चांद निकलने पर अर्घ्य देकर अपने पति का चेहरा देखती हैं, फिर अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं. हालांकि इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को इससे जुड़े कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है.

माना जाता है कि अगर व्रत के दौरान महिलाएं इन नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उनके व्रत का सारा पुण्य खत्म हो जाता है. तो चलिए जानते हैं ऐसे ही 5 काम, जो महिलाओं को व्रत के दौरान करने से बचना चाहिए, वरना व्रत का फल नहीं मिलता है और उनके पति के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है.

1- सफेद चीजों का दान न करें 

करवा चौथ की रात महिलाएं चांद निकलने के बाद अर्घ्य देकर ही अपना व्रत खोलती हैं और चंद्रमा का संबंध सफेद चीजों से है. इसलिए इस दिन सुहागन महिलाओं को दूध, दही, चावल, सफेद कपड़ा या सफेद रंग की कोई भी वस्तु दान में देने से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि अगर कोई विवाहित महिला इन चीजों का दान करती हैं तो इससे चंद्रमा नाराज हो जाते हैं और अशुभ फल देते हैं. यह भी पढ़ें: Karva Chauth 2018: सबसे पहले किसने किया था करवा चौथ का व्रत, जानें इससे जुड़ी दिलचस्प कथा

2- काले रंग का कपड़ा न पहनें

करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है और इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं. ऐसे में व्रत करने वाली महिलाओं को इस दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इसके अलावा महिलाओं को सफेद रंग की साड़ी पहनने से भी बचना चाहिए. काला रंग सुहागन महिलाओं के लिए अशुभ फलदायी माना जाता है.

3- कैंची व चाकू का इस्तेमाल न करें 

अक्सर महिलाएं कपड़े काटने के लिए कैंची का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन करवा चौथ के दिन व्रत रखने वाली सुहागन स्त्रियों को कैंची और चाकू का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. कहा जाता है कि इस दिन कैंची और चाकू का इस्तेमाल करना अशुभ फलदायी होता है.

4- किसी की निंदा करने से बचें 

व्रत करने वाली महिलाओं को इस दिन किसी की चुगली, बुराई या निंदा करने से बचना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने वाली महिलाओं को उनके व्रत का फल नहीं मिलता है. इस दिन अपने से बड़ों का निरादर न करें. परिवार में किसी के साथ विवाद न करें और सबके साथ प्यार से पेश आएं. जो महिला इस नियम का पालन नहीं करती है उसे उसके व्रत का पूरा फल नहीं मिलता है. यह भी पढ़ें: Karva Chauth 2018: अखंड सौभाग्य का पर्व है करवा चौथ, जानें कैसे करें व्रत और क्या है इसकी पूजन विधि?

5- श्रृंगार के नियमों का रखें ख्याल

करवा चौथ के दिन श्रृंगार का बहुत महत्व होता है. ऐसे में अगर सजते-संवरते समय गलती से चूड़ियां टूट जाएं तो उसे घर में रखने की बजाय बहते जल में प्रवाहित करें. इसके अलावा चूड़ी, लहठी, बिंदी, सिंदूर जैसी सुहाग की सामग्रियों का अपमान न करें और न ही इन्हें कचरे में फेंके. श्रृंगार करते समय अपने पति की लंबी उम्र के लिए कामना करें और पति के अलावा किसी और का चिंतन किसी भी स्थिति में न करें.

गौरतलब है कि सुहागन स्त्रियों के लिए करवा चौथ एक बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है, इसलिए इस दिन आपके द्वारा की गई छोटी सी गलती से आपके व्रत का सारा पुण्य समाप्त हो सकता है और यह आपके पति के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकता है, इसलिए इस दिन व्रत से जुड़े नियमों का पालन अच्छी तरह से करें.