International Men's Day 2018: पुरुषों के लिए बेहद खास है आज का दिन, यह है वजह
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2018 (Photo Credits: Facebook)

International Men's Day 2018: आज यानि 19 नवंबर दुनियाभर के पुरुषों के लिए बेहद खास दिन है. हमारा देश पुरुष प्रधान देश कहलाता है, इस देश में महिलाओं को पुरुषों के बराबर होने का एहसास दिलाने और नारी सशक्तिकरण के तौर पर हर साल 8 मार्च को अर्तराष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न मनाया जाता है, लेकिन पुरुषों का क्या?  जी हां, इस बात को तो हर कोई जानता है कि 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग ही इस बात से वाकिफ हैं कि हर साल 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है. हालांकि अफसोस की बात तो यह है कि पुरुषों को समर्पित यह दिन महिला दिवस जितना लोकप्रिय नहीं है.

हर साल की तरह इस साल भी अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 19 नवंबर को दुनिया भर में मनाया जाएगा, ऐसे में हर किसी को यह पता होना चाहिए कि आखिर पुरुष दिवस क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कैसे हुई? चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

19 नवंबर को मनाया जाता है पुरुष दिवस

बताया जाता है कि अमेरिका के मिसौर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थॉमस योस्टर की कोशिशों के बाद पहली बार 7 फरवरी 1992 के दिन अमेरिका, कनाडा और यूरोप के कुछ देशों ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का जश्न मनाया था, लेकिन साल 1995 से कई देशों ने फरवरी महीने में पुरुष दिवस मनाना बंद कर दिया. हालांकि कई देश इस दौरान अपने-अपने हिसाब से पुरुष दिवस का जश्न मनाते रहे. यह भी पढ़ें: Kartik Purnima 2018: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन होता है बेहद खास, जानें क्यों किया जाता है गंगा स्नान और दीपदान?

आखिरकार साल 1998 में त्रिनिदाद एंड टोबेगो में पहली बार 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया और इसका सारा श्रेय डॉ. जीरोम तिलकसिंह (Dr. Jerome Teelucksingh)  को जाता है, क्योंकि उन्होंने ही अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मनाने की पहल की और उन्होंने इसके लिए 19 नवंबर के दिन को चुना. इसी दिन उनके देश ने पहली बार फुटबॉल विश्व कप के लिए क्वालिफाई करके देश को जोड़ने का काम किया था. उनके इस प्रयास के बाद से ही हर साल 19 नवंबर को दुनिया भर के 70 से ज्यादा देशों में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है और यूनेस्को भी उनके इस प्रयास की सराहना कर चुकी है .

भारत में कब हुई इसकी शुरुआत? 

दुनिया भर के कई देशों में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जा रहा था, लेकिन भारत में पहली बार इस दिवस को साल 2007 में मनाया गया और इसे पुरुषों के अधिकार के लिए लड़ने वाली संस्था 'सेव इंडियन फैमिली' ने पहली बार मनाया था. इसके बाद 'ऑल इंडिया मेन्स  वेल्फेयर एसोसिएशन' ने भारत सरकार से यह मांग की कि महिला विकास मंत्रालय की तरह पुरुष विकास मंत्रालय भी बनाया जाए.

पुरुषों के लिए बेहद खास है यह दिन

हमारे देश में नारी सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं,ताकि उन्हें पुरुषों के बराबर का दर्जा दिया जा सके, लेकिन हकीकत तो यह भी है कि महिलाओं की तरह पुरुषों की समस्याओं पर भी ध्यान देना जरूरी है. दरअसल, पुरुषों के जीवन में भी कई ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे उन्हें आए दिन दो-चार होना पड़ता है. यह भी पढ़ें: Guru Nanak Jayanti 2018: 23 नवंबर को देशभर में मनाई जाएगी गुरु नानक जयंती, उन्होंने दिए थे ये अनमोल उपदेश

अगर आंकडों पर गौर फरमाया जाए तो आपको यकीन हो जाएगा कि सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी बेचारे होते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 76 फीसदी पुरुष किसी न किसी वजह से आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं. बेघर पुरुषों का आंकड़ा लगभग 85 फीसदी है, जबकि 70 फीसदी हत्याओं के मामले पुरुषों से जुड़े होते हैं और घरेलू हिंसा के मामले में करीब 40 फीसदी पुरुष ही शिकार बनते हैं. ऐसे में पुरुषों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, यही वजह है कि महिला दिवस की तरह ही हर साल 19 नवंबर को पुरुष दिवस मनाया जाता है.