International Day of Forests 2023: कितना प्रासंगिक है अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस? जानें इसका इतिहास, महत्व एवं उद्देश्य!
International Day of Forests 2023

दुनिया भर में वनों एवं इसके महत्व के संदर्भ में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर वन्य-प्रदेशों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम तथा खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मार्च 2013 को विश्व वन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. बता दें कि पृथ्वी की एक तिहाई भूमि में 1,6 बिलियन आम लोग एवं करीब 2 हजार स्थानीय जनजातियां ईंधन, भोजन और दवाओं के लिए वनों पर निर्भर हैं. ऐसे में सभी का दायित्व होता है कि वन्य-संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. आइये जानें अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के संदर्भ में महत्वपूर्ण बातें.

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का महत्व

किसी भी व्यक्ति के लिए विश्व वन दिवस एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि यह दिवस विशेष मानव अस्तित्व के लिए वनों के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ाता है, क्योंकि हमारे जीवन के लगभग सभी पहलू किसी ना किसी रूप में वनों से जुड़े हैं. वनों एवं उनके संसाधनों का सतत प्रबंधन जलवायु परिवर्तन से निपटने और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका है. आज वन के जरिये लोगों को भारी तादाद में रोजगार, औषधि, खानपान, पर्यटन, पर्यावरण, मौसम, प्राकृतिक आपदाओं से राहत जैसे जन-जन लाभान्वित हो रहा है. अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का महत्व इस बात का संकेत है कि हमें वनों के उन संसाधनों के लिए सम्मान करना चाहिए, जो वे हमें प्रदान करते हैं. सभी देश के संगठनों को इस दिन वनों पर बुरा प्रभाव डालने वालों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. यह भी पढ़ें : World Sparrow Day 2023: कब है विश्व गौरैया दिवस? जानें इसका इतिहास, उद्देश्य एवं गौरैया संरक्षण के उपाय!

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का इतिहास

हमारे दैनिक दिनचर्या में वनों का खास महत्व है, क्योंकि हमारी दिनचर्या में प्रयोग आने वाली हर वस्तु का किसी ना किसी रूप में वनों से संबंध है, लेकिन इसके बावजूद जंगल को लगातार समाप्त किया जा रहा है. इसी बात को ध्यान में रखकर यूनाइटेड नेशन फोरम ऑन फॉरेस्ट्स और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का प्रस्ताव रखा, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2012 को पारित किया गया. इसके अगले साल 21 मार्च 2013 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया गया. 21 मार्च 2013 को पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्यों द्वारा विश्व वन दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इसके बाद से यह दिवस विशेष आज तक जारी है.

विश्व वन दिवस का उद्देश्य

सृष्टि की सुरक्षा में सबसे ज्यादा महत्व ऑक्सीजन है. वनों के वृक्ष एवं पेड़-पौधे ही पृथ्वी पर ऑक्सीजन का मुख्य स्त्रोत हैं. इसी से अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का महत्व समझा जा सकता है. इसके साथ ही वन सभी जीव-जंतुओं का आवास स्थान और भोजन का जरिया है. इस पर मानव ही नहीं बल्कि संपूर्ण सृष्टि टिकी हुई है. विश्व वन दिवस का मुख्य उद्देश्य वनों के संरक्षण और इससे होने वाले आम हितों को जानने-समझने के लिए आम लोगों को जागृत किया जाता है.